नई दिल्ली: बरसात का मौसम आने वाला है. मौसम मौसम बदलने के साथ हमारे स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ता है. आयुर्वेद के अनुसार बरसात के मौसम में शरीर की प्रकृति भी प्रभावित होती है और प्रकृति दोष में भी बदलाव आते हैं. जानकारों के अनुसार, वर्षा ऋतु में शरीर का वात दोष बढ़ जाता है और शरीर में पित्त जमा होने लगता है. इस मौसम में वात और पित्त दोष बढ़ने से बॉडी सिस्टम कमजोर होने लगता है. पित्त दोष बढ़ जाने पर इसका सीधा असर डाइजेस्टिव सिस्टम पर पड़ता है.
स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए कुछ उपाय
परिणामस्वरूप पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और पेट से जुड़ी कई समस्याएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में शरीर में पित्त दोष की वजह से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए कुछ उपाय करके स्वस्थ रह सकते हैं.
- हमेशा हल्का और सुपाच्य भोजन करें. अपनी डाइट में मौसमी फल और सब्जियों को शामिल करें.
- पित्त दोष वाले लोगों के लिए गाय के घी का सेवन बहुत लाभकारी माना जाता है. अपनी डाइट में घी का इस्तेमाल सब्जियों और दाल में तड़के के लिए करें.
- बरसात में भले ही मौसम ठंडा हो और आपको कम प्यास लगे लेकिन रोजाना 8-10 गिलास पानी पीने के नियम को बरसात में भी जरूर फॉलो करें. इससे आप हाइड्रेटेड रह सकेंगे और शरीर को फूर्ति भी मिलेगी.
- बरसात में मूंग दाल, जौ, भिंडी, करेला और पके हुए कद्दू का सेवन बहुत लाभकारी माना जाता है. इन फूड्स का सेवन सब्जी, दाल और खिचड़ी आदि बनाने में किया जा सकता है.
- बाहर का खाना खाने से पेट में एसिडिटी और जलन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं, जो पित्त बढ़ने का लक्षण हो सकती हैं. ठेलों पर बिकने वाले चाट, चाउमीन या समोसे जैसी चीजों के सेवन से बचना चाहिए. हमेशा घर का बना सादा भोजन खाएं.
- खट्टे स्वाद वाले फूड्स जैसे चटनी, अचार और दही आदि का सेवन ना करें.
- हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से बरसात में बचना चाहिए.
- अपने रोजमर्रा के भोजन में अदरक, धनिया, जीरा, काली मिर्च, हींग और हल्दी जैसे मसालों को शामिल करें.
- प्राणायाम, योग और कसरत करें.
(डिसक्लेमर: पित्त दोष से छुटकारा पाने के लिए इन घरेलू उपाय को अपने उपयोग में लाने से पहले आप डॉक्टर से जरूर सलाह लें. ज़ी हिन्दुस्तान इन बातों की पुष्टि नहीं करता है.)