कुंभ में नागा साधु कैसे करते है कल्पवास ?

कल्पवास की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है. मान्यताओं के मुताबिक माना जाता है कि सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही संक्रांति के बाद एक महीने तक कल्पवास करने से एक कल्प का फल मिल जाता है. एक कल्प को ब्रह्मा जी का एक दिन माना जाता है. इसकी चर्चा भारत के पुरातन धर्मशास्त्रों में की गई है. जैसे कि वेद, महाभारत और रामचरित मानस आदि.

कल्पवास की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है. मान्यताओं के मुताबिक माना जाता है कि सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही संक्रांति के बाद एक महीने तक कल्पवास करने से एक कल्प का फल मिल जाता है. एक कल्प को ब्रह्मा जी का एक दिन माना जाता है. इसकी चर्चा भारत के पुरातन धर्मशास्त्रों में की गई है. जैसे कि वेद, महाभारत और रामचरित मानस आदि.

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