वंदे मातरम: Bengal में बम की सियासत | मुसलमान Owaisi के या Mamata के? | ख़ौफ़ में क्यों है ड्रैगन?

हिन्दुस्तान में बंगाल की धरती वो धरती है जिसने समय समय पर भारत और भारतवासियों के लिए पुनर्जागरण का काम किया है. चाहे वो साहित्य की बात हो, आध्यात्म की बात हो, या राष्ट्रवाद की बात हो. बंगाल ने हर बार नेतृत्व किया है. 1905 में जब लॉर्ड कर्जन ने बंगाल को तोड़ना चाहा तो समूचे बंगाल ने पुरज़ोर विरोध किया. आज़ादी की जंग में बंगाल हर तरह से शामिल हुआ, चाहे वो क्रांतिकारी सोच हो या अहिंसावादी सोच लेकिन मुल्क आज़ाद हुआ और उसके बाद सियासत ने यहां की आबो हवा में ऐसी नफरत घोली कि आज तक वो नफरत बंगाल को जला रही है, और इसी नफरत के सिलसिले को आगे बढ़ाया जा रहा है. बंगाल में अब बम की सियासत होने लगी है. ऐसा लग रहा है कि कोई संदेश दे रहा है कि जैसे हम जीते तो हमने अपना दम चलाया, वैसे ही हारने का भय है तो बम चला रहे हैं.

हिन्दुस्तान में बंगाल की धरती वो धरती है जिसने समय समय पर भारत और भारतवासियों के लिए पुनर्जागरण का काम किया है. चाहे वो साहित्य की बात हो, आध्यात्म की बात हो, या राष्ट्रवाद की बात हो. बंगाल ने हर बार नेतृत्व किया है. 1905 में जब लॉर्ड कर्जन ने बंगाल को तोड़ना चाहा तो समूचे बंगाल ने पुरज़ोर विरोध किया. आज़ादी की जंग में बंगाल हर तरह से शामिल हुआ, चाहे वो क्रांतिकारी सोच हो या अहिंसावादी सोच लेकिन मुल्क आज़ाद हुआ और उसके बाद सियासत ने यहां की आबो हवा में ऐसी नफरत घोली कि आज तक वो नफरत बंगाल को जला रही है, और इसी नफरत के सिलसिले को आगे बढ़ाया जा रहा है. बंगाल में अब बम की सियासत होने लगी है. ऐसा लग रहा है कि कोई संदेश दे रहा है कि जैसे हम जीते तो हमने अपना दम चलाया, वैसे ही हारने का भय है तो बम चला रहे हैं.

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