दक्षिण भारत के राज्यों में क्यों बढ़ रही है महिलाओं से हिंसा? जानिए हैरान करने वाले आंकड़े

मनुस्मृति में एक लाइन है-यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देव मतलब जहां स्त्रियों की पूजा होती है वहाँ देवता निवास करते हैं और जहाँ स्त्रियों का सम्मान नही होता है वहाँ किये गये सारे अच्छे कर्म निष्फल हो जाते हैं। इसी धार्मिक ग्रंथ में एक और लाइन भी है- शोचन्ति जामयो यत्र विनश्यत्याशु तत्कुलम् । न शोचन्ति तु यत्रैता वर्धते तद्धि सर्वदा ।। अर्थात- जिस कुल में स्त्रियाँ कष्ट भोगती हैं ,वह कुल शीघ्र ही नष्ट हो जाता है और जहाँ स्त्रियाँ प्रसन्न रहती है वह कुल सदैव फलता फूलता और समृद्ध रहता है । हिंदुस्तान के इतिहास पर अगर नजर डालेंगे तो आपको पता चलेगा कि स्त्रियों के सम्मान के लिए न जाने की कितनी ही लड़ाइयां लड़ी गई हैं. राम को याद करेंगे तो याद आएगा कि कैसे उन्होंने अपनी पत्नी के अधिकार के लिए रावण से की गई लड़ाई को धर्मयुद्ध करार दिया था. कैसे उन्होंने अपनी मां का वचन निभाने के लिए वनवास भोगा था. ऐसे ही कई उदाहरण आपने सुने होंगे. लेकिन इस गौरवगान की चमक अब फीकी पड़ने लगी है. ऐसा हम क्यों कह रहे हैं यही जानकारी हम आज आपको इस वीडियो के जरिए बताएंगे नमस्कार जी हिंदुस्तान में आपका स्वागत है और मैं आपके साथ हूं आकाश. एक सर्वे आया आया है. इस पांचवे National Family Health Survey में सामने आया है कि अलग अलग मानव विकास सूचंकाकों (Human Development Indicator) में देश में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले दक्षिण भारत के राज्य, वैवाहिक हिंसा के मामलों में बेहद खराब प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं अलग अलग धर्मो में भी वैवाहिक हिंसा के मामलों में अंतर देखने को मिला है. आईए जानते हैं कि दक्षिण भारत के कौन से 4 राज्य विवाहोत्तर हिंसा के मामलों में यूपी बिहार के साथ खड़े हैं.

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