नई दिल्लीः तालिबान शासित अफगानिस्तान में कथित व्यभिचार, चोरी और अन्य अपराधों के लिए सजा के तौर पर बुधवार को 20 लोगों को सरेआम कोड़े मारे गए. एक प्रांतीय अधिकारी ने यह जानकारी दी.
तालिबानी शासन ने बनाई हैं कठोर नीतियां
अफगानिस्तान के नए अधिकारियों ने अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद से कठोर नीतियां निर्धारित की हैं, जो इस्लामी कानून या शरिया की उनकी व्याख्या को दर्शाती हैं.
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कुछ लोगों को दी गई है जेल की सजा
दक्षिणी हेलमंड प्रांत में गवर्नर के कार्यालय के लिए तालिबान की ओर से नियुक्त प्रवक्ता मोहम्मद कासिम रियाज ने कहा कि हेलमंड की राजधानी लश्कर गाह में स्पोर्ट्स स्टेडियम में कोड़े मारे गए. रियाज ने कहा कि दंडित किए गए कुछ लोगों को उनके अपराधों के अनुसार जेल की सजा मिली है.
हत्या के मामले दिया जा चुका है मृत्युदंड
हेलमंड में बुधवार की कोड़े मारने की घटना के एक सप्ताह पूर्व तालिबान ने एक व्यक्ति की हत्या के दोषी को मृत्युदंड दिया था. पिछले साल तालिबान के सत्ता में आने के बाद यह पहला सार्वजनिक मृत्युदंड था.
मृत्युदंड की हुई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना
सरकार के शीर्ष प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद के अनुसार,पश्चिमी फराह प्रांत में सैकड़ों दर्शकों और तालिबान के कई शीर्ष अधिकारियों के समक्ष पीड़ित के पिता की तरफ से असॉल्ट राइफल से गुनहगार को मौत के घाट उतार दिया गया. कुछ अधिकारी काबुल की राजधानी से आए थे. मृत्युदंड की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई थी.
बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद यहां तालिबान का शासन है. तालिबानी शासन पर लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन, महिलाओं पर पाबंदियों समेत तमाम आरोप लगते हैं.
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