अंतरिक्ष में भी है एक बरमूडा ट्रैंगल, जानें वहां जाने से क्यों डरते अंतरिक्ष यात्री

पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में एक जगह है जिसे दक्षिण अटलांटिक विसंगति (एसएए) कहा जाता है और कुछ अंतरिक्ष यात्रियों ने वहां होने वाली अजीब चीजों की सूचना दी है. जब अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन इस क्षेत्र से गुजरा तो कुछ अंतरिक्ष यात्रियों ने एक तीव्र प्रकाश फ्लैश का अनुभव किया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 9, 2022, 02:12 PM IST
  • हमारे सौर मंडल में देखी जाने वाली पहली इंटरस्टेलर वस्तु ओउमुआमुआ है
  • एक्सोप्लैनेट के एक टुकड़े से लेकर एक अंतरिक्ष यान तक हो सकता है ये
अंतरिक्ष में भी है एक बरमूडा ट्रैंगल, जानें वहां जाने से क्यों डरते अंतरिक्ष यात्री

लंदन: ब्रह्मांड रहस्यमय वस्तुओं से भरा है और हमारा अपना सौर मंडल भी वैज्ञानिकों को लगातार चकित करता है. यहां 6 अजीब अंतरिक्ष वस्तुएं हैं जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे. इनमें से एक है अंतरिक्ष बरमूडा ट्रैंगल. यह अंतरिक्ष बरमूडा ट्रैंगल धरती की कक्षा में स्थित है. आइये विस्तार से जानते हैं इनके बारे में. 

पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में एक जगह है जिसे दक्षिण अटलांटिक विसंगति (एसएए) कहा जाता है और कुछ अंतरिक्ष यात्रियों ने वहां होने वाली अजीब चीजों की सूचना दी है. जब अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन इस क्षेत्र से गुजरा तो कुछ अंतरिक्ष यात्रियों ने एक तीव्र प्रकाश फ्लैश का अनुभव किया है. माना जाता है कि यह चमक क्षेत्र में विकिरण बेल्ट के कारण होती है जो अंतरिक्ष यात्रियों के रेटिना में प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर सकती है. हबल स्पेस टेलीस्कोप इस विकिरण के कारण इस क्षेत्र में डेटा एकत्र करने में असमर्थ है. SAA के आसपास के रहस्य ने 'अंतरिक्ष के बरमूडा ट्रैंगल' का उपनाम अर्जित किया है.

प्लैनेट 9 (Planet Nine)
प्लैनेट नाइन एक सैद्धांतिक नौवां ग्रह है जो हमारे सौर मंडल में सबसे दूर दुबका हो सकता है. यानी यह काल्पनिक है और इसे कभी देखा नहीं गया है. इसलिए कुछ वैज्ञानिकों को शक है कि यह मौजूद भी है या नहीं. कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के खगोलविदों ने सुझाव दिया है कि ग्रह नाइन दूर की वस्तुओं की अस्थिर कक्षाओं की व्याख्या कर सकता है.

कहा जाता है कि ग्रह नौ का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 10 गुना है और नेपच्यून की तुलना में सूर्य से 20 गुना अधिक दूर है. सूर्य के चारों ओर एक पूर्ण परिक्रमा करने में 10,000 से 20,000 पृथ्वी वर्ष लग सकते हैं. यह संदिग्ध स्थान इतना दूर है कि यह हमारी वर्तमान तकनीक से नौवें ग्रह की पुष्टि करना लगभग असंभव बना रहा है.

ओउमुआमुआ (Oumuamua)
हमारे सौर मंडल में देखी जाने वाली पहली इंटरस्टेलर वस्तु ओउमुआमुआ ने हमें उत्तर से अधिक प्रश्नों के साथ छोड़ दिया है. वैज्ञानिक लाल सिगार के आकार की वस्तु के लिए 22 साल के मिशन का प्रस्ताव कर रहे हैं

ओउमुआमुआ को पहली बार 2017 में देखा गया था और शोधकर्ताओं को आश्चर्य हुआ कि इस तरह की एक अजीब इंटरस्टेलर वस्तु हमारे आंतरिक सौर मंडल में कैसे प्रवेश कर गई. यह क्षुद्रग्रह बनने के लिए बहुत तेजी से आगे बढ़ता है और इसमें सामान्य धूमकेतु की तरह कोई मलबे का निशान नहीं है. यह क्या हो सकता है इसके कई सिद्धांत हैं. यह एक एक्सोप्लैनेट के एक टुकड़े से लेकर एक एलियन अंतरिक्ष यान तक हो सकते हैं.

रेड रेक्टेंगल नेबुला (Red Rectangle Nebula)
यह नेबुला गैस और धूल का एक बादल है जो अंतरिक्ष में तैरता हुआ प्रतीत होता है. लाल आयत नेबुला पृथ्वी से लगभग 2,300 प्रकाश वर्ष दूर है. वैज्ञानिकों को यकीन नहीं है कि यह यह आकार क्यों है, लेकिन यह बीच में दो सितारों के कारण शॉकवेव भेजने और धूल के छल्ले बनाने के कारण हो सकता है.

एल्स्ट–पिज़ारो (Elst Pizarro)
इस उड़ने वाली अंतरिक्ष वस्तु को अक्सर धूमकेतु के रूप में संदर्भित किया जाता है, लेकिन यह क्षुद्रग्रहों की विशेषताओं को भी प्रदर्शित करता है - जिससे खगोलविदों के बीच बहुत बहस होती है. यह क्षुद्रग्रह बेल्ट के भीतर परिक्रमा करता है लेकिन धूमकेतु की तरह धूल की तरह पूंछ रखता है. इन दोनों विशेषताओं को दिखाने के लिए यह एकमात्र ज्ञात खगोलीय वस्तु है, इसलिए अंतरिक्ष वैज्ञानिक 2028 में इसे करीब से देखना चाहते हैं. हालांकि महंगा प्रोजेक्टे होने के चलते इसे फंड नहीं मिला है.

गुलाबी अंतरिक्ष बुलबुले (Pink space bubbles)
ये अंतरिक्ष बुलबुले तकनीकी रूप से सौर मंडल के बाहर नहीं हैं, लेकिन कहा जाता है कि वे इस पर प्रभाव डालते हैं. फर्मी बबल्स दो विशाल अंतरिक्ष संरचनाएं हैं जो आकाशगंगा के केंद्र के ऊपर और नीचे उभरती हैं. वैज्ञानिकों ने ने सुझाव दिया है कि बुलबुले मिल्की वे के सुपरमैसिव ब्लैक होल द्वारा निर्मित किए गए थे. उन्हें 2015 में नासा के फर्मी गामा-रे टेलीस्कोप द्वारा देखा गया था. कहा जाता है कि वे पूरी तरह से गामा किरणों से बने होते हैं और लगभग 50,000 प्रकाश-वर्ष की लंबाई तक फैले होते हैं.

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