नई दिल्ली: आपने चीन की एक कंपनी अली बाबा का नाम ज़रूर सुना होगा. ये चीन की सबसे बड़ी ई कॉमर्स कंपनी है. इस कंपनी का चीन की जीडीपी में भी बड़ा योगदान है. इस कंपनी ने चीन में लाखों लोगों को रोजगार भी दिया है. इस कंपनी के मालिक हैं जैक मा.. वो चीन के तीसरे सबसे अमीर शख्स हैं. जो पिछले तीन महीने से गायब हैं. अक्टूबर से उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई एक्टिविटी ही नहीं हुई है. यहां तक कि लोगों ने भी उन्हें नहीं देखा है. अक्टूबर में ही उन्होंने चीन के सरकारी वित्तीय संस्थाओं और सरकारी बैंकों की कड़ी आलोचना की थी, यानी उन्होंने चीन की जिनपिंग सरकार की आलोचना की थी. अब पूरी दुनिया एक ही सवाल उठ रही है कि क्या चीन के राष्ट्रपति के खिलाफ बोलने का उनके लापता होने का कोई कनेक्शन तो नहीं?


पिछले करीब 3 महीने से लापता हैं Jack Ma


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चीन (China) में ऑनलाइन शॉपिंग करने वाला हर शख्स इन दो नामों को बेहद अच्छे से जानता है. चीन में ऑनलाइन शॉपिंग को हर इंसान की जिंदगी का हिस्सा बनाने का श्रेय अगर किसी को जाता है, तो वो हैं अली बाबा (Ali Baba) कंपनी के फाउंडर जैक मा..


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जैक मा (Jack Ma) ने सितंबर 2019 को 55 साल की उम्र में ही अपनी कंपनी से रिटायरमेंट ले लिया था. तब 55 साल के जैक रॉकस्टार की तरह दुनिया के सामने आए थे. जैक मा चीन के तीसरे सबसे अमीर शख्स हैं. उनकी मौजूदा संपत्ति इस करीब 50.9 अरब डॉलर.. यानी करीब 37 खरब रुपए है, इतनी संपत्ति के मालिक जैक पिछले करीब 3 महीने से लापता हैं. चीन में किसी को भी उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है, वो कहां हैं, क्या कर रहे हैं या फिर किस हालात में हैं किसी को नहीं पता है.



उपर दी गई तस्वीर उनके ट्विटर अकाउंट की है, जिस पर आखिरी बार उन्होंने 10 अक्टूबर 2020 को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट पर एक ट्वीट किया था. इस ट्वीट में उन्होंने दुनिया की बड़ी-बड़ी हस्तियों के साथ एक कार्यक्रम से जुडने के लिए ट्वीट किया था. जैक मा को अपने टीवी शो 'अफ्रीका बिजनस हीरोज' के नवंबर में होने वाले फिनाले में भी शामिल होना था, लेकिन वो पहले ही लापता हो गए. उनके ही शो से उनकी तस्वीर को भी हटा दिया गया था.


तब अलीबाबा समूह की ओर से कहा गया कि जैक मा समय की व्यवस्तता के कारण अब जजों के पैनल के हिस्सा नहीं हैं. सवाल है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि चीन के ये खरबपति शख्स लापता हो गया. पिछले कुछ सालों से जैक मा सार्वजनिक तौर पर चीन की सरकार और उसकी नीतियों की आलोचना कर रहे थे.


जब जैक मा ने की जिनपिंग की आलोचना


24 अक्टूबर को शंघाई में एक बयान के दौरान जैक मा ने चीन के वित्तीय संस्थाओं और सरकारी बैंकों के खिलाफ बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि ऐसे सिस्टम में बदलाव किया जाए जो 'बिजनस में नई चीजें शुरू करने के प्रयास को दबाने' का प्रयास करे. उन्होंने वैश्विक बैंकिंग नियमों को 'बुजुर्गों लोगों का क्लब' तक कह दिया था.


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इस दौरान उन्होंने अपने बयान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भी नाम लिया था. सीधे जिनपिंग को लक्ष्य कर जैक मा ने उस लक्ष्मण रेखा को भी पार कर दिया, जो चीन की मौजूदा व्यवस्था में ईश निंदा से कम नहीं है. जैक मा के भाषण के बाद चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्‍ट पार्टी भड़क गई और उसके बाद से जैक मा और उनकी कंपनी के लिए बुरे दौर शुरू हो गए.


.. तबसे शुरू हो गए Jack Ma के बुरे दिन


जैक मा की कंपनियों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए. जैक मा की कंपनी एंट ग्रुप का आईपीओ रोक दिया गया. चीन के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने भी एंट ग्रुप को नोटिस भेज  दिया. उनकी कंपनी अलीबाबा के खिलाफ भी चीन में सरकारी जांच शुरू हो गई.


यानी 24 अक्टूबर के बाद जैक मां से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ सरकारी कार्रवाई होने लगी और तभी से जैक मा को किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नहीं देखा गया, यहां तक कि वो सोशल मीडिया से भी लापता हो गए.


- अब सवाल है कि उनके लापता होने का कनेक्शन क्या चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ बोलने से है?
- क्या चीन की सरकार ने जैक मा को गायब करा दिया?


इन सवालों के जवाब दुनिया के सामने आ पाएंगे कह पाना मुश्किल है, लेकिन चीन में सरकार के खिलाफ बोलने वालों का क्या हश्र होता है. उसके दो उदाहरण ये लोग हैं.


1). चीन की महिला पत्रकार झांग झान को कोरोना पर वुहान के हालात  दिखाने पर 4 साल के लिए जेल में डाल  दिया गया.



2). वहीं दूसरी तस्वीर है हॉन्गकॉन्ग के सबसे बड़े मीडिया हाउस के मालिक और पत्रकार जिम्मी लाई की. हॉन्गकॉन्ग में लोकतंत्र समर्थकों की आवाज अपने अखबार के जरिए लोगों तक पहुंचाने वाले जिम्मी लाई को अगस्त में गिरफ्तार कर लिया गया था.



चीन के ये चेहरे इस बात को बताने के लिए काफी हैं कि वहां पर सरकार के खिलाफ बोलना कितना बड़ा जुर्म है? भले ही वो लोग चीन में कितने ही बड़े क्यों न हो.. उन्होंने चीन के विकास में बड़ा योगदान दिया हो, लेकिन अगर उन्होंने शी जिनपिंग या सरकार की नीतियों पर मुंह खोला, तो उन्हें सिर्फ सजा ही मिलेगी.


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