नई दिल्लीः New Year 2021 Julian Assange के लिए राहत लेकर आया. Wikileaks के संस्थापक जूलियन अंसाजे को लेकर ब्रिटेन की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. असांजे को अमेरिका को प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा. दरअसल, बीते दिनों से अमेरिका गोपनीय दस्तावेजों और कूटनीतिक संदेशों को सार्वजनिक करने के आरोप में Julian Assange के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था. इस मामले को लेकर बीते 3 हफ्ते से सुनवाई चल रही थी. असांजे ने कई साल इक्वाडोर के दूतावास में बिताए हैं.
असांजे का अतीत, राष्ट्रपति Joe-Biden से होकर गुजरता है
खबरों के इन सिलसिलों के बीच Julian Assange का नाम आता है तो जेहन में सीधे 2010 का दौर याद आता है और याद आते हैं आज के अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden. दरअसल यह वही साल था, जब wikileaks ने पेंटागन की चेतावनी के बाद भी ईराक युद्ध को लेकर अमेरिका के रणनीतिक दस्तावेज जारी कर दिए थे.
इन खुफिया Documents के जरिए सामने आया कि इराक युद्ध में अमेरिका के कारण 66000 से अधिक लोग मारे गए. यह खुलासा अमेरिकी व्हिशिल ब्लोअर चेल्सिया मेनिंग की मदद से हुआ था. इन दस्तावेजों में एक वीडियो भी था जिसमें अमेरिकी सैनिक आम नागरिकों को अपनी गोली का शिकार बना रहे थे.
यह खुलासा अमेरिका को नागवार गुजरा और तब के उप राष्ट्रपति जो बाइडेन ने Julian Assange को आतंकवादी तक कह दिया. इसके बाद Julian Assange को अपनी जान बचाने के लिए छुप-छुप कर रहना पड़ा. कई देशों से भागते हुए आखिर में Julian Assange को इक्वाडोर के दूतावास में शरण मिली.
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असांजे का इतिहास Hackig का ही रहा है
3 जुलाई 1971 जन्मे Julian Assange को पहला कम्प्यूटर बतौर Gift उसकी मां ने दिया. इस Gift ने तकनीक की दुनिया के दरवाजे खोल दिये. कोई और ज्ञान जुटाने के बजाय असांजे को Hacking की दुनिया अधिक पसंद आई. मेलबर्न विश्वविद्यालय से पढ़ाई के बाद Hacking को ही अपना लक्ष्य बनाया और अपना एक छद्म नाम मेनडेक्स रख लिया.
मेनडेक्स ने कनाडा के मल्टीनेशनल टेली कम्यूनिकेशन कॉर्पोरेशन के मास्टर टर्मिनल को Hack कर लिया. यह पहला मौका था जब असांजे की गिरफ्तारी हुई, लेकिन इस मामले में वह 2100 आस्ट्रलियाई डॉलर का जुर्माना देकर छूट गये.
ऐसे सामने आया Wikileaks
आमतौर पर Wikileaks की स्थापना 2006 में बताई जाती है. यह सच है, लेकिन अधूरा. दरअसल असांजे ने इससे कई साल पहले leaks.com नाम का एक डोमेन रजिस्टर करवाया था. इसके बाद असांजे ने 1999 में नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी के पेटेंट की जानकारी सार्वजनिक की और लोगों को पहली बार अपनी प्राइवेसी खतरे में नजर आने लगी.
ये पहली बार था जब Julian Assange ने सीधे तौर पर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. लाजिम है सुरक्षा एजेंसियों की पेशानी पर बल पड़ गए.
कई सालों तक ली इक्ववाडोर में शरण
अमेरिका की खिलाफत करने पर असांजे को सिर पर पैर रखकर भागना पड़ा. कई सालों तक फरारी काटी और आखिरी में इक्वाडोर के दूतावास में शरण मिली. असांजे को इससे पहले स्वीडन में दुष्कर्म के मामले में भी राहत मिल चुकी है. 2019 में जब इक्वाडोर में सरकार बदली तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
तब से वह ब्रिटेन की उच्च सुरक्षा वाली बेलमार्श जेल में हैं. 2020 में इस जेल में कोरोना के कुछ मामले भी सामने आए थे. यहां Julian Assange को बिलकुल अकेले रखा गया है जिस कारण उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ती बताई जा रही है. उनके दोस्तों का कहना है कि वह अपनी जान लेने की कोशिश भी कर चुके हैं.
New Year 2021 में मिली बड़ी राहत
Julian Assange को हीरो और विलेन मानने वाले बराबर संख्या में हैं. एक के बाद एक बलात्कार और उत्पीड़न के मामले दर्ज होने को असांजे के समर्थकों ने इसे उन्हें फंसाए जाने की साजिश बताया, तो आलोचकों ने उन्हें अपने फायदे के लिए हेरफेर करने वाला व्यक्ति कहा.
मई 2017 में ही स्वीडन ने उनके खिलाफ दुष्कर्म की जांच बंद कर दी थी लेकिन Julian Assange ने दूतावास में शरण जारी रखी थी. New Year 2021 का समय असांजे के लिए राहत लेकर आया है. ब्रिटिश जज ने असांजे को अमेरिका के हवाले न करने का फैसला सुनाया है.
इस तरह मिली राहत
जिला न्यायाधीश वैनिसा बाराइस्टर ने लंदन स्थित ‘सेंट्रल क्रिमिनल कोर्ट’ में अपना फैसला सुनाया. अमेरिकी अभियोजकों ने असांजे पर जासूसी के 17 आरोप लगाएं हैं जबकि एक आरोप कंप्यूटर के दुरुपयोग का भी है. इन आरोपों में अधिकतम सजा 175 साल कैद है.
ऑस्ट्रेलिया के 49 वर्षीय नागरिक के वकीलों ने दलील दी है कि वह पत्रकार के तौर पर काम कर रहे थे, इसलिए वह दस्तावेजों को प्रकाशित करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत संरक्षण के हकदार हैं.
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