नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन पर बड़ी कार्रवाई की है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के फैलाने का आरोप चीन में लगाया और साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन पर भी इसका ठीकरा फोड़ा. इसी का नतीजा रहा कि अमेरिका ने अब WHO की जाने वाली फंडिंग को रोकने का फैसला लिया है. अनुमान है कि इसका डब्ल्यूएचओ पर बहुत बुरा असर पड़ेगा.
WHO पर पड़ेगा ये असर
आपको बता दें कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन की दुनिया में अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक मदद करता है. अगर अमेरिका के फंड की बात करें, तो पिछले साल उसने WHO में 400 मिलियन डॉलर की फंडिंग दी जो कि WHO के कुल बजट का 15 फीसदी है. वहीं, अगर इस मुकाबले चीन की बात करें तो उसकी फंडिंग इसके सामने कुछ भी नहीं लगती है.
उल्लेखनीय है कि इस आर्थिक मदद से WHO साल भर कई कार्यक्रम और अन्य देशों की स्वास्थ्य गतिविधियों पर निगरानी रखता है. इसी के लिए हर देश अपनी ओर से WHO में इन्वेस्ट करता है, जिसमें एक लंबे वक्त से अमेरिका सबसे बड़ा फंड देने वाला देश है.
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WHO ने चीन की मदद की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि WHO ने महामारी को लेकर पारदर्शिता नहीं बरती, उसकी ओर से ऐसे कदम उठाए गए जिसने चीन की मदद की. अमेरिका सबसे अधिक फंडिंग करता है, फिर भी उसके साथ इस प्रकार का व्यवहार किया गया. आपको बता दें कि चीन के झूठ, भ्रम और चालबाजी में विश्व स्वास्थ्य संगठन बराबर का साझेदार रहा है.
चीन और WHO की पहले भी कर चुके हैं आलोचना
कोरोना संकट को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन पर पहली बार नहीं भड़के हैं. इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि कोरोना वायरस को लेकर गलत जानकारी देने की वजह से चीन को दुष्परिणाम भुगतने होंगे. दरअसल राष्ट्रपति ट्रंप से पूछा गया था कि चीन कोई दुष्परिणाम क्यों नहीं भुगत रहा? इसके जवाब में ट्रंप ने कहा, "आपको कैसे पता, इसके कोई दुष्परिणाम नहीं हैं?"
अमेरिका में लगातार बढ़ रहा मौत का आंकड़ा
अमेरिका में कोविड-19 से अब तक 23,628 लोगों की मौतें हो चुकी हैं जबकि अकेले न्यूयॉर्क में 10 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. यहां अभी भी 1.95 लाख लोग संक्रमित हैं. लेकिन ट्रंप ने कहा कि वह जल्द ही नए दिशा-निर्देश तैयार कर राज्यों के गवर्नरों को देंगे ताकि सुरक्षित ढंग से लॉकडाउन हटाया जा सके. आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका में कितनी भयावह स्थिति है.