खतरे में है ट्रंप की कुर्सी! क्या कहता है अमेरिका का इतिहास?

दुनिया की महाशक्ति अमेरिका के सबसे शक्तिशाली अमेरिका के प्रेसिडेंट पर Impeachment या महाभियोग चलाने का रास्ता साफ हो चुका है. डेमोक्रेटिक बहुमत वाले हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की कमेटी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दो आरोपों को मंजूरी दे दी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 15, 2019, 01:57 PM IST
    1. ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के दो आरोपों को मंजूरी
    2. अमेरिका के इतिहास में अब तक दो बार राष्ट्रपति पर महाभियोग
    3. एंड्रयू जॉनसन पर महाभियोग सीनेट में साबित नहीं हो पाया था
    4. 1998 में बिल क्लिंटन को दो मामलों में दोषी पाया गया था
खतरे में है ट्रंप की कुर्सी! क्या कहता है अमेरिका का इतिहास?

नई दिल्ली: अमेरिकी संसद की न्यायिक समिति ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के दो आरोपों को मंजूरी दे दी है. संसद की न्यायिक समिति में शामिल डेमोक्रेट और रिपब्लिक सांसदों ने इस मुद्दे पर 14 घंटे चली बहस के बाद वोट डाले. इस वोटिंग के बाद सीनेट में ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग लाए जाने के लिए वोटिंग का रास्ता साफ हो गया है.

ट्रंप की कुर्सी खतरे में है!

हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी ने 23-17 से महाभियोग के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यानी राष्ट्रपति ट्रंप की कुर्सी खतरे में है. ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने अपने विरोधी जो बिडेन और उनके बेटे के खिलाफ यूक्रेनी गैस कंपनी में भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए यूक्रेन पर दबाव डाला था.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया को अब आगे बढ़ाया जाएगा. ट्रंप पर लगे दो आरोपों को अमेरिकी सांसदों ने मंजूरी दे दी. सदन की न्यायिक समिति में डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकन सांसदों ने महाभियोग के ड्राफ्ट के विरोध में 17 तो पक्ष में 23 वोटों से मतदान किया.

ट्रंप पर संसद के काम में बाधा डालने का भी आरोप

प्रतिनिधि सभा में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाए जाने का रास्ता साफ हो गया है. डोनाल्ड ट्रंप पर साल 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में संभावित उम्मीदवार और पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन समेत दूसरे उम्मीदवारों की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से गैरकानूनी तरीके से मदद मांगने का आरोप है. इसके अलावा ट्रंप पर संसद के काम में बाधा डालने का भी आरोप है.

क्या कहता है इतिहास?

अमेरिका के संविधान का आर्टिकल 2 का सेक्शन 4 हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव को महाभियोग का अधिकार देता है, और सीनेट को एक कोर्ट की तरह पूरा महाभियोग चलाने का अधिकार देता है. अमेरिका के इतिहास में अब तक दो बार राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाया गया है.

1). पहली बार वर्ष 1868 में एंड्रयू जॉनसन पर महाभियोग चलाया गया था, एंड्रयू जॉनसन पर महाभियोग सीनेट में साबित नहीं हो सका था.

2). दूसरी बार वर्ष 1998 में विलियम जेफरसन क्लिंटन पर महाभियोग चलाया गया, बिल क्लिंटन को दो मामलों में दोषी पाया गया था.

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वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत वाले अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की जूडिशियरी कमेटी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ चल रही महाभियोग जांच की रिपोर्ट पहले ही जारी कर चुकी है. इसमें ट्रंप को दोषी करार दिया गया था. रिपोर्ट में कहा गया कि ट्रंप ने अपने व्यक्तिगत और सियासी फायदे के लिए 'राष्ट्रहित' से समझौता किया और अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए विदेशी मदद मांगी. हालांकि व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट को खारिज किया था. खुद डोनाल्ड ट्रंप ने इन तमाम आरोपों को झूठा और बेतुका बताया है.

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