'सीमा विवाद अभी तक सुलझा नहीं...', भारत-चीन समझौते पर आखिर ये क्यों बोले एस जयशंकर?

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग व्यवस्था को लेकर हुए भारत-चीन समझौते को 'सकारात्मक कदम' बताया. हालांकि उन्होंने परिणामों के बारे में बहुत जल्दी अनुमान न लगाने की सलाह दी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 21, 2024, 07:28 PM IST
  • शांति का आधार तैयार करता है समझौता
  • बहुत जल्दी अनुमान न लगाएंः जयशंकर
'सीमा विवाद अभी तक सुलझा नहीं...', भारत-चीन समझौते पर आखिर ये क्यों बोले एस जयशंकर?

नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग व्यवस्था को लेकर हुए भारत-चीन समझौते को 'सकारात्मक कदम' बताया. हालांकि उन्होंने परिणामों के बारे में बहुत जल्दी अनुमान न लगाने की सलाह दी.

इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार दोपहर बताया कि पिछले कई हफ्तों से चल रही चर्चाओं के बाद दोनों देश एलएसी पर गश्त व्यवस्था को लेकर एक समझौते पर पहुंचे हैं, जिसके परिणामस्वरूप सैनिकों की वापसी हुई और अंततः जून 2020 में गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद क्षेत्र में उत्पन्न मुद्दों का समाधान हो रहा है.

शांति का आधार तैयार करता है समझौता

इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यह समझौता, उस शांति और सौहार्द का आधार तैयार करता है जो सीमावर्ती क्षेत्रों में होना चाहिए और जो 2020 से पहले मौजूद भी था. पिछले कुछ वर्षों से द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए भारत की यही प्रमुख चिंता रही है.

'सितंबर 2020 से कर रहे हैं हम बातचीत'

जयशंकर ने कहा, 'हमने हमेशा यह माना है कि एक तरफ, हमें स्पष्ट रूप से जवाबी तैनाती करनी थी लेकिन हम सितंबर 2020 से बातचीत भी कर रहे हैं. यह एक बहुत ही धैर्यपूर्ण प्रक्रिया रही है, शायद यह जितनी हो सकती थी उससे कहीं अधिक जटिल प्रक्रिया थी. तथ्य यह है कि यदि हम, पेट्रोलिंग करने और एलएसी की पवित्रता का पालन करने को लेकर एक समझ बना पाते हैं, तो, मुझे लगता है, उस शांति का आधार बनेगा जो सीमा क्षेत्रों में होना चाहिए और 2020 से पहले वहां मौजूद थी.'

बता दें चीनी पक्ष ने जब भारत-चीन सीमा पर एलएसी का उल्लंघन करने का प्रयास किया, तो नई दिल्ली ने यह स्पष्ट कर दिया कि जमीन पर शांति और स्थिरता बनाए रखना प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और दोनों सरकारों के बीच बनी समझ के अनुसार होना चाहिए.

बहुत जल्दी अनुमान न लगाएंः जयशंकर

हालांकि, विदेश मंत्री ने सावधानी बरतने और परिणामों के बारे में बहुत जल्दी अनुमान न लगाने की सलाह दी. उन्होंने जोर देकर कहा कि समझौता अभी हुआ है और अगले कदमों की योजना बनाने के लिए चर्चा और बैठकें होंगी. विदेश मंत्री ने कहा, 'हम पड़ोसी हैं और हमारे बीच सीमा विवाद अभी तक सुलझा नहीं है. वे बढ़ रहे हैं और हम भी बढ़ रहे हैं.'

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