पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और शाह महमूद कुरेशी को 10 साल की जेल, Cipher मामले में हुई सजा

Imran Khan 10-year jail: इमरान खान के वकील शोएब शाहीन ने एक टेक्स्ट संदेश में कहा, एक विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत मुहम्मद जुल्करनैन ने मंगलवार को आदेश सुनाया. उन्होंने कहा कि उनके पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को भी इसी मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Jan 30, 2024, 02:35 PM IST
  • पूर्व प्रधानमंत्री और क़ुरैशी अभी भी सलाखों के पीछे हैं
  • अब नए केस में दोनों को 10 साल की सजा
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और शाह महमूद कुरेशी को 10 साल की जेल, Cipher मामले में हुई सजा

Imran Khan 10-year jail: पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता में रहने के दौरान बेहद गुप्त जानकारी के निजी इस्तेमाल करने के आरोप में 10 साल की सजा सुनाई है. इमरान को देश के आधिकारक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है.

इमरान खान के वकील शोएब शाहीन ने एक टेक्स्ट संदेश में कहा, एक विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत मुहम्मद जुल्करनैन ने मंगलवार को आदेश सुनाया. उन्होंने कहा कि उनके पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को भी इसी मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई है.

इमरान खान फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं. 

क्या है मामला?
मामला इस आरोप से संबंधित है कि इमरान खान ने वाशिंगटन में देश के राजदूत द्वारा इस्लामाबाद में सरकार को भेजे गए एक गुप्त केबल की सामग्री साझा की थी.

इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने कहा कि खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी दोनों को एक विशेष अदालत ने 10-10 साल की सजा सुनाई है. इसमें कहा गया है कि पार्टी फैसले को चुनौती देगी.

पीटीआई ने कहा कि यह साइफर मामले में पूरी तरह से मजाक और कानून की अवहेलना करना था. साथ ही उन्होंने लोगों से 8 फरवरी के आम चुनावों में मतदान करने का आग्रह किया गया. कहा कि इंशाअल्लाह कप्तान और वाइस कप्तान जल्द ही वापस आएंगे.

पाकिस्तान सिफर मामला क्या है?
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 13 दिसंबर को मामले में इमरान खान और शाह महमूद कुरेशी को दूसरी बार दोषी ठहराए जाने के बाद विशेष अदालत ने पिछले महीने अदियाला जिला जेल में नए सिरे से सिफर सुनवाई शुरू की थी.

पूर्व प्रधानमंत्री और क़ुरैशी अभी भी सलाखों के पीछे हैं. इन्हें पहली बार अक्टूबर में मामले में दोषी ठहराया गया था. दोनों ने खुद को निर्दोष बताया था. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जेल मुकदमे के लिए सरकार की अधिसूचना को गलत करार दिया था और पूरी कार्यवाही को रद्द कर दिया था.

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