नई दिल्ली. बर्लिन में मुसलमानों के विरोध में हुआ प्रदर्शन एक दिन की घटना नहीं है. बरसों से चला आ रहा असंतोष आखिर उबल कर सड़क पर आ ही गया. लेकिन हैरानी की बात ये है कि जिन के खिलाफ बरसों से असंतोष था वे लोग भी सड़कों पर उतर आये. अब जर्मनी में मुस्लिमों को लेकर दो तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं - पहली तरह के प्रदर्शन हैं उनके विरोध में तो दूसरे हैं उनके समर्थन में.
अप्रवासी मुसलमान हैं समर्थन में
समर्थन के जो प्रदर्शन जर्मनी में देखे जा रहे हैं वे अप्रवासी मुसलमानों के द्वारा किये जा रहे हैं जबकि उनके विरोध में होने वाले प्रदर्शन जर्मनी के मूल नागरिक कर रहे हैं. मुसलमानों को लेकर जर्मनी दो हिस्सों में बंट गया लगता है एक समर्थन में तो दूसरा विरोध में. इस स्थिति ने जर्मनी में नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है जिसका फायदा उठाते हुए मुसलमानों ने अपने लिए सुरक्षा की मांग कर दी है.
ड्रेसडेन शहर में होने वाला था टकराव
जर्मनी का ड्रेसडेन शहर इन दोनों समूहों के टकराव का साक्षी बनने वाला था. यहां माहौल तो तब तनावग्रस्त हो गया जब दोनों समूहों के लोग ड्रेसडेन शहर के फ्राउनकिरचे चौक पर आमने-सामने आ गए. इससे पहले कि कोई अप्रिय स्थिति पैदा होती पुलिस ने हस्तक्षेप किया और दोनों समूहों को अलग किया.
पेगीडा ने किया है इस्लामीकरण का विरोध
जैसा कि हर देश में देखा जा रहा है, इस्लामी कट्टरपंथी सोच मुसलमानो को शांतिपूर्ण अस्तित्व के विरुद्ध द्वंद्व और जंग करने को प्रेरित करती आ रही है. जर्मनी में इसका विरोध किया है पेगीडा ने अर्थात पैट्रियाटिक यूरोपियन्स अगेंस्ट द इस्लामाइजेशन ऑफ द वेस्ट ने. ये जर्मनी के मूल नागरिक हैं और दक्षणपंथी संगठन के रूप में अस्तित्वमान हैं.