नई दिल्ली. चीन का दुस्साहस देखिये और सोचिये क्या ये किसी सभ्य देश की हरकत हो सकती है? अपनेआपको सभ्य और विकसित कहने वाला चीन भारत को धमकी दे रहा था कि यदि अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर सैन्य संधि की तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे. स्वतंत्र भारत के इतिहास में दुनिया के सबसे शांत देशों में एक भारत ने कभी किसी को इस तरह धमकी नहीं दी चाहे वो पाकिस्तान जैसा भारत का पारम्परिक शत्रु ही क्यों न हो!
हिन्द महासागर में सैन्याभ्यास प्रारम्भ
जैसा तय था, हाल ही में जापान में हुई इन चारों देशों की बैठक में जो निर्णय लिया गया था अब उस पर कार्यान्वयन भी प्रारम्भ हो गया है. भारत और अमेरिका सहित विश्व के चार प्रधान लोकतांत्रिक देश आज मंगलवार 3 नवंबर से हिंद महासागर में ऐतिहासिक मालाबार नौसैनिक अभ्यास में शामिल हो रहे हैं.
ऐतिहासिक है ये मालाबार नौसेनिक अभ्यास
हिंद प्रशांत की भू-राजनीति हेतु महत्त्वपूर्ण है है ऐतिहासिक मालाबार नौसेनिक अभ्यास. यह रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र अफ्रीका के पूर्वी तट से पूर्वी एशिया तक फैले हुए जलीय भागों तक विस्तारित है। भारत द्वारा समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाने का प्रयास किया जाता रहा है और इसी आलोक में भारत के साथ अमेरिका और जापान के बाद अब ऑस्ट्रेलिया के साथ भी बढ़ते रक्षा सहयोग के कारण मालाबार, 2020 में यहां इस संयुक्त नौसेना-अभ्यास में चार देशों की भागीदारी हो रही है.
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है सैन्याभ्यास
भारत की लद्दाख सीमा पर एलएसी पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच हो रहे इस सैन्य अभ्यास के मायने हैं बहुत ख़ास. चीन की गीदड़ भभकियों को खारिज करते हुए भारत ने ऑस्ट्रेलिया को साथ ले कर इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है और अब चार प्रमुख देशों की नौसेनाएं हिंद महासागर में ऐतिहासिक मालाबार नौसैनिक अभ्यास प्रारम्भ कर रही हैं. दूसरी तरफ वैश्विक महाशक्ति अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि वह हर परिस्थिति में भारत के साथ है.