सियोलः उत्तर कोरिया ने बुधवार को समुद्र में एक संदिग्ध इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) और दो कम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया. दक्षिण कोरिया ने यह जानकारी दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की एशिया की यात्रा समाप्त होने के कुछ घंटों बाद ही उत्तर कोरिया ने यह परीक्षण किया है. बाइडन ने अपनी यात्रा के दौरान इस बात की फिर पुष्टि की है कि अमेरिका उत्तर कोरिया के खतरे के मद्देनजर अपने सहयोगियों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
अमेरिका तक पहुंच सकती है मिसाइल
संदिग्ध आईसीबीएम पूरी दूरी तक नहीं गई और अगर पुष्टि होती है तो यह अमेरिका के साथ परमाणु कूटनीति के बंद होने के बाद उत्तर कोरिया की ओर से दो महीने में पहली बार आईसीबीएम का परीक्षण होगा. 2018 में लंबी दूरी की मिसाइलों के परीक्षण पर अपने प्रतिबंध को दरकिनार करत हुए उत्तर कोरिया ने मार्च में दावा किया था कि उसने सबसे लंबी दूरी की मिसाइल का परीक्षण किया है जो अमेरिका तक पहुंच सकती है.
यह परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि कोविड-19 का प्रकोप उसके देश में कमज़ोर पड़ रहा है. हालांकि इसे लेकर विवाद है. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक के बाद, दक्षिण कोरिया की सरकार ने कहा कि उत्तर कोरिया ने एक संदिग्ध आईसीबीएम और दो कम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है.
दक्षिण कोरियाई सरकार का बयान
दक्षिण कोरियाई सरकार ने एक बयान में कहा कि उत्तर कोरिया के लगातार उकसाने वाले कदम दक्षिण कोरिया और अमेरिका के संयुक्त निवारक कदमों को और मज़बूत करेंगे तथा इससे उत्तर कोरिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अलग-थलग पड़ेगा.
बयान में कहा गया, “ हमारी सरकार उत्तर कोरिया की ओर से किसी भी तरह के उकसावे का कड़ा और प्रभावी जवाब देने के लिए लगातार तैयारी रखती है.” दक्षिण कोरिया के उप राष्ट्रीय सलाहकार किम तेई-हेओ ने पत्रकारों से कहा कि पहली मिसाइल का आकलन किया गया था जो उत्तर कोरिया की सबसे बड़ी ह्वासोंग-17 मिसाइल है और इसकी संभावित क्षमता में संपूर्ण अमेरिकी मुख्य भूमि आती है.
दो मिसाइलें दागीं गईं
ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने बयान में कहा कि इसके जवाब में अपनी क्षमता दिखाने के लिए अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेना ने सतह से सतह पर मार करने वाली दो मिसाइलें दागीं. उसने कहा कि उत्तर कोरिया की ओर से मिसाइल परीक्षण किए जाने की जानकारी पहले ही मिल गई थी और इसे देखते हुए दक्षिण कोरिया की वायु सेना के 30 एफ-15 के लड़ाकू विमानों ने मंगलवार को अभ्यास किया था.
अमेरिकी हिंद प्रशांत कमान ने पहले कहा था कि मिसाइल परीक्षण उत्तर कोरिया के ‘अवैध’ हथियार कार्यक्रम के अस्थिर प्रभाव को रेखांकित करता है और इससे अमेरिकी क्षेत्र तथा इसके सहयोगियों को तत्काल कोई खतरा नहीं है. बयान में कहा गया है कि दक्षिण कोरिया और जापान की रक्षा करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता दृढ़ है.
वाशिंगटन में व्हाइट हाउस ने कहा कि उत्तर कोरिया की ओर से मिसाइल दागे जाने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को जानकारी दी गई है. जापान के रक्षा मंत्री नोबौ किशी ने कहा कि यह परीक्षण उकसाने की कार्रवाई है. उन्होंने उत्तर कोरिया पर लोगों की परेशानियों को नज़रअंदाज़ करके हथियार कार्यक्रम पर आगे बढ़ने का आरोप लगाया.
इस साल मिसाइल का 17वां परीक्षण
गौरतलब है कि ये मिसाइल परीक्षण इस वर्ष उत्तर कोरिया द्वारा किया गया 17वां परीक्षण है. विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया हथियारों के अपने जखीरे को आधुनिक बनाने के लिए परीक्षण कर रहा है.
बाइडन हाल में दक्षिण कोरिया गए थे और उनसे इस यात्रा के दौरान उत्तर कोरिया की ओर से किसी तरह की उकसावे की कार्रवाई के बारे में प्रश्न पूछा गया था, जिस पर उन्होंने कहा था,‘‘ उत्तर कोरिया चाहे जो भी करे, हम हर चीज के लिए तैयार हैं.’’
इस परीक्षण के कई घंटे पहले अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने वाशिंगटन में पत्रकारों से कहा था कि हो सकता है कि उत्तर कोरिया किसी अहम हथियार के परीक्षण की तैयारी में हो.
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