नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ नौवीं समीक्षा के लिए पाकिस्तान की लंबे समय से चली आ रही बातचीत में सफलता मिलने की संभावना है, और समझौते पर हस्ताक्षर के संबंध में जल्द ही आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है.
आईएमएफ से पाकिस्तान को मिल सकती है बड़ी राहत
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस सप्ताह की शुरुआत में पेरिस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉजीर्वा के साथ बातचीत के बाद दोनों पक्षों के बीच कई बैठकें हुईं.
इस्लामाबाद द्वारा बजट में समायोजन (एडजस्टमेंट) करने की पेशकश के बाद पाकिस्तान व आईएमएफ ने शुक्रवार को अपने मतभेदों को कम कर लिया और आयात पर प्रतिबंध भी तुरंत वापस ले लिया. सूत्रों ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि सरकार ने आईएमएफ को सूचित किया कि वह बजट और कराधान दोनों पक्षों में समायोजन करने को तैयार है.
जल्द हो सकता है पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच समझौता
आगे कहा कि यह पेशकश सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग 0.3 प्रतिशत के बराबर थी, लेकिन यह वैश्विक ऋणदाता द्वारा पहचाने गए अंतर का लगभग आधा था. सूत्रों ने कहा कि सरकार ने खर्चो में 200 अरब पीकेआर की कटौती करने और 100 अरब पीकेआर के नए टैक्स लगाने की पेशकश की है.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों को उम्मीद थी कि चल रही बातचीत का दौर सफल रहेगा और कर्मचारी स्तर पर जल्द से जल्द समझौता हो सकेगा. सूत्रों ने कहा कि गुरुवार से चीजें वास्तव में तेज गति से आगे बढ़ी हैं.
वित्त मंत्रालय ने इस घटनाक्रम पर आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है. आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को और समायोजन करने के लिए कहने के बाद शुक्रवार देर रात तक चर्चा जारी रही. अगले वित्तीय वर्ष की अर्थव्यवस्था के अनुमानित आकार में, पाकिस्तान द्वारा की गई पेशकश लगभग 300 अरब पीकेआर के बराबर थी, लेकिन सटीक आंकड़े की पुष्टि नहीं की जा सकी.
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