क्या फिर से टूटने वाला है पाकिस्तान? सेना में बगावत की सुगबुगाहट शुरु

पाकिस्तान में कुछ भी नामुमकिन नहीं है, यहां लोकतंत्र न्यायपालिका और फौज की लक्ष्मण रेखा का किसी को कुछ पता नहीं है. पाकिस्तान में लोकतंत्र को बार-बार फौजी बूटों के तले कुचला गया है. आज फिर से पाकिस्तान की सेना बगावत  पर उतारु हो गई है. फौज के नाराज़ जनरलों ने एकजुट होकर सेनाध्यक्ष बाजवा के खिलाफ़ बगावत का झंडा बुलंद करने की तैयारी में हैं. इमरान खान और बाजवा की फिक्सिंग पाकिस्तान के टूटने का कारण बन  सकती है.   

Last Updated : Dec 5, 2019, 08:35 AM IST
    • क्या फिर टूटेगा पाकिस्तान
    • फौज करने वाली है बगावत
    • इमरान और बाजवा के खिलाफ विद्रोह
क्या फिर से टूटने वाला है पाकिस्तान? सेना में बगावत की सुगबुगाहट शुरु

नई दिल्ली: पाकिस्तान में वो होनेवाला है, जो आज तक नहीं हुआ. पाकिस्तान में आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी बगावत हो सकती है. पीएम इमरान खान के साथ मिलकर, जनरल बाजवा ने अपना कार्यकाल बढ़ाने के आदेश पर मुहर भले लगवा ली हो. लेकिन ये चालबाजी जनरल बाजवा पर किसी भी वक्त भारी पड़ सकती है.

7 जनरलों के चक्रव्यूह में जनरल बाजवा
पाकिस्तान में फौज के 7 बड़े जनरल अंदर ही अंदर गुस्से की आग में जल रहे हैं. अगर ये विद्रोह पर उतर आए, तो किसी को हैरानी नहीं होगी.

 पाकिस्तान में तख्तापलट का इतिहास पुराना है. पाकिस्तान की फौज कई बार देश के कानून को ताक पर रख चुकी है. लेकिन इस बार हालत अलग हैं. इस बार आर्मी चीफ के खिलाफ ही 7 जनरल भड़के हुए हैं. 

जनरल बाजवा ने इमरान खान को पीएम बनाने के बदले, अपने कार्यकाल के 3 साल के एक्सटेंशन का रिटर्न गिफ्ट तो ले लिया. लेकिन इसकी वजह से उन्हें अपने ही जनरलों की नाराजगी मोल लेनी पड़ी है. 

इनमें ज्यादातर जनरल वे हैं, जो आर्मी चीफ बनने की कतार में खड़े थे और जनरल बाजवा ने इनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

इमरान-बाजवा  ने किया पाकिस्तान को हाइजैक
जनरल कमर जावेद बाजवा और इमरान खान ने मिलकर, पाकिस्तान के पूरे सिस्टम को हाइजैक कर लिया. लेकिन दोनों के प्लान पर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने हथौड़ा चला दिया.  

सुप्रीम कोर्ट ने बाजवा के 3 साल के एक्सटेंशन पर कैंची चलाकर, 26 नवंबर को इसे 6 महीने तक सीमित कर दिया. हालांकि इसके साथ ही अदालत ने भविष्य में एक्सटेंशन देने का फैसला संसद पर छोड़ दिया. 

अदालत के इस आदेश से जनरल बाजवा के खिलाफ हाथ मिला चुके, लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के 7 जनरलों को बड़ी ताकत मिली. 

लेकिन खबर है कि पाकिस्तान में आर्मी चीफ के खिलाफ कई जनरलों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है. उन्होंने साफ संकेत दे दिया है कि सरकार मौजूदा क़ानून में फेरबदल कर बाजवा के कार्यकाल को और आगे बढ़ाने की जुर्रत ना करे.

29 नवंबर को रिटायर होने वाले थे बाजवा
जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को रिटायर होने वाले थे लेकिन इमरान खान सरकार ने अगस्त 2019 में ही जनरल बाजवा के कार्यकाल को तीन साल के लिए बढ़ा दिया था. जिससे फौज के अंदर हलचल तेज हो गई थी.

ये है बाजवा से नाराज जनरलों  की लिस्ट
1).सरफराज सत्तार
बाजवा के बाद पाकिस्तानी फौज में सीनियरिटी के लिहाज से लेफ्टिनेंट जनरल सरफराज सत्तार का नंबर सबसे ऊपर था. मुल्तान के कॉर्प्स कमांडर जनरल बाजवा के बाद चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के पद के सबसे बड़े दावेदार रहे हैं. लेकिन बाजवा की वजह से उनका नंबर नहीं आ पाया. जिसके बाद कहा जा रहा है कि उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि इस पर अभी पाक फौज की तरफ से खुलकर कुछ नहीं कहा गया है. जिसकी वजह फौज के भीतर विद्रोह के हालात हो सकते हैं.

2).नदीम रजा
नाराज जनरलों में दूसरे नंबर पर लेफ्टिनेंट जनरल नदीम रजा हैं. रजा पाकिस्तानी फौज के तेज तर्रार जनरल में एक हैं. जनरल सरफराज सत्तार के कथित इस्तीफे के बाद जनरल नदीम रजा को ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का चेयरमैन बना दिया गया. लेकिन रजा उन जनरलों में शामिल हैं. जिन्होंने पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन किया है.

3).हुमायूं अजीज
नाराज जनरलों में तीसरे नंबर पर लेफ्टिनेंट जनरल हुमायूं अजीज का नाम है.

4).नईम अशरफ
बाजवा से खार खाए बैठे चौथे जनरल का नाम लेफ्टिनेंट जनरल नईम अशरफ है.

5).शेर अफगान
इमरान और बाजवा की साजिश से बुरी तरह भड़के जनरलों की लिस्ट में पांचवां नाम लेफ्टिनेंट जनरल शेर अफगान का है.

6).काजी इमरान
छठे नंबर पर लेफ्टिनेंट जनरल काजी इकराम हैं, इकराम को भी उम्मीद थी कि वे भी एक दिन पाकिस्तानी के आर्मी चीफ बनेंगे. लेकिन बाजवा ने सबका खेल खराब कर दिया.

7).बिलाल अकबर
इमरान खान और जनरल बाजवा की फिक्सिंग से नाराज फौजी जनरलों में सातवां नाम लेफ्टिनेंट जनरल बिलाल अकबर का है. जनरल बिलाल अकबर ने बाजवा को एक्सटेंशन देने के फैसले का खुला विरोध किया था.

इमरान खान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, इसे अपनी सरकार संसद और लोकतंत्र की जीत बताया था. लेकिन इमरान को मालूम है, कि सेना के भीतर उनको लेकर हालात किस कदर बगावत के हैं. आज भले ही इमरान खान को जनरल बाजवा बचा लें. लेकिन तालिबान खान को पता है कि नाराज जनरलों की ये तादाद कभी भी उनका खेल खराब कर सकती है. लेकिन इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि क्या पाकिस्तानी फौज के नाराज जनरल खुलकर बगावत का झंडा बुलंद करेंगे.

बजट में कटौती से नाराजगी
कंगाल हो चुके पाकिस्तान में फौज के बजट में लगातार कटौती की जा रही है. इसकी वजह से फौज के भीतर गहरी नाराजगी पहले से ही है. अब जिस तरह बाजवा अपने फायदे के लिए खुलकर इमरान खान के साथ खड़े हो गए हैं.

उससे फौज के आला जनरलों को लगने लगा है कि ये फिक्सिंग देश को डुबा कर रख देगी. इसलिए वो अपनी बगावत के लिए इसे वजह बना सकते हैं.

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