FATF से नहीं डरता है पाकिस्तान! ऐसे में पाक का दिवालिया घोषित होना तय

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF में पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट होने की कगार पर है. और वहां के हुक्मरान इमरान आतंकियों के आका हाफिज सईद को रैली करने की इजाजत दे रहे हैं. ऐसे में पाकिस्तान का दिवालिया घोषित होना तय माना जा रहा है.

Last Updated : Oct 11, 2019, 05:58 PM IST
    • पाकिस्तान की किस्मत पर पेरिस में 12 से 15 अक्टूबर तक होने वाली FATF की बैठक में फैसला होना है
    • हाफिज सईद मुजफ्फराबाद में 14 अक्टूबर को रैली करने जा रहा है
FATF से नहीं डरता है पाकिस्तान! ऐसे में पाक का दिवालिया घोषित होना तय

नई दिल्ली: आर्टिकल 370 और कश्मीर मामले को लेकर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान रैली कर-करके हार गए. संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ झूठी बयानबाजी करके हार गए. दुनिया के तमाम मुल्कों के पास गिड़गिड़ाकर हार गए. इमरान के मंत्री भी प्रोपगैंडा फैला-फैलाकर हार गए. दुनिया के हर एक मंच पर जब पाकिस्तान का प्रपंच काम नहीं तो थक-हाकर इमरान इस्लामाबाद लौटे तो आतंक के आका हाफिज सईद की शरण में पहुंच गए.

मुंबई हमले का मास्टरमाइंड, भारत का सबसे बड़ा गुनहगार, दहशत फैलाने वाले ग्रुप जमात उद दावा का चीफ और आतंक परोसने वाले संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सरगना.. हाफिज सईद है. और अब वो इमरान खान का ऐसा दुलारा बन गया है. जिसके सहारे पाकिस्तान के पीएम कश्मीर को लेकर नए सिरे से प्रोपगैंडा की नैय्या पार कराने में जुटे हैं. और यही वजह है कि इमरान हुकूमत ने हाफिज सईद को सरहद के पास पाक अधिकृत कश्मीर में हिंदुस्तान के खिलाफ जहर उगलने की खुली छूट दे दी है. 

13 सितंबर को पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में इमरान खान ने रैली की थी. उन्होंने खूब छाती पीटी थी, कश्मीर का रोना रोया था, भारत के खिलाफ जहर उगला था. लेकिन जब एक भी दांव काम नहीं आया तो इमरान ने हाफिज सईद को मोर्चा संभालने की इजाजत दे दी.

14 अक्टूबर को हाफिज की रैली

मुजफ्फराबाद में इमरान की नाकाम रैली के ठीक एक महीने बाद 14 अक्टूबर को अब हाफिज सईद जहर उगलने मुजफ्फराबाद पहुंच रहा है. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन एक बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में हैं और हाफिज की रैली को इसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है. 

हाफिज की मुजफ्फराबाद की इस रैली में आतंकियों का जमावड़ा दिखेगा. कई आतंकवादी संगठनों के नुमाइंदे नजर आएंगे. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी तो होंगे ही, इस रैली में जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के भी आतंकियों की फौज मौजूद रहेगी.

इमरान हुकूमत की सरपरस्ती में होने वाली हाफिज की इस रैली के जरिए भारत के खिलाफ जहर उगला जाएगा, जिहाद के लिए भड़काया जाएगा, कश्मीर घाटी में घुसपैठ के लिए बहकाया जाएगा. और ये सब दुनिया के उन तमाम देशों के सामने होगा, जिनकी आंखों में पाकिस्तान ये कहकर धूल झोंकता आ रहा है कि वो आतंकवाद पर लगाम लगा रहा है.

पाकिस्तान का झूठ बेनकाब

जो हाफिज सईद मुजफ्फराबाद में 14 अक्टूबर को रैली करने जा रहा है, उसके बारे में पाकिस्तान दुनिया में ये ढिंढोरा पीटता फिर रहा है कि टेरर फंडिंग में उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. कहने को तो हाफिज सईद 17 जुलाई से ही गिरफ्तार है लेकिन सच यही है कि वो सरकारी मेहमान की तरह मौज काट रहा है. तभी तो उसे इतनी छूट मिल गई है कि वो मुजफ्फराबाद जाकर रैली कर सके, जहर उगल सके.

FATF से नहीं डरता है पाक

पाकिस्तान सरकार की ये हिमाकत तब है जब उसकी आतंक-परस्ती के चलते ही उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF की तरफ से ब्लैकलिस्ट किए जाने की पूरी तैयारी चल रही है. पहले ही ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान की किस्मत पर पेरिस में 12 से 15 अक्टूबर तक होने वाली FATF की बैठक में फैसला होना है.

हालांकि दुनिया को दिखावे के लिए इमरान हुकूमत ने हाफिज सईद के चार करीबियों को गिरफ्तार किया है जो लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर में गिने जाते हैं. पाकिस्तान के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने टेरर फंडिंग केस में आतंकी जफर इकबाल, याह्या अजीज, मुहम्मद अशरफ और अब्दुल सलाम की गिरफ्तारी दिखाई है. लेकिन इसी मामले में पहले से ही गिरफ्तार बताए जा रहे हाफिज सईद को पाक हुकूमत ने आजादी दे दी है कि वो मुजफ्फराबाद जाए और आतंक की फसल काटे. पाकिस्तान के इस दोहरे रवैये को दुनिया को गौर से देखना पड़ेगा. चीन को भी आंखें खोलकर पाकिस्तान के इस आतंक-प्रेम को समझना होगा.

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