मंगल ग्रह पर मिले पानी के साक्ष्य, क्या यह वहां जीवन के अस्तित्व का संकेत है

शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय दल को मंगल के दक्षिण ध्रुवीय ‘आइस कैप’ के नीचे तरल रूप में पानी के संभावित अस्तित्व के नए साक्ष्य मिले हैं. किसी ग्रह का उच्च अक्षांशीय क्षेत्र जो बर्फ से ढका हो उसे ‘आइस कैप’ कहते हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 5, 2022, 04:45 PM IST
  • मंगल के दक्षिणी ध्रुव के नीचे पानी के संकेत
  • बर्फ के नीचे तरल रूप में पानी का संभावित क्षेत्र
मंगल ग्रह पर मिले पानी के साक्ष्य, क्या यह वहां जीवन के अस्तित्व का संकेत है

नई दिल्लीः शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय दल को मंगल के दक्षिण ध्रुवीय ‘आइस कैप’ के नीचे तरल रूप में पानी के संभावित अस्तित्व के नए साक्ष्य मिले हैं. किसी ग्रह का उच्च अक्षांशीय क्षेत्र जो बर्फ से ढका हो उसे ‘आइस कैप’ कहते हैं. 

मंगल के दक्षिणी ध्रुव के नीचे पानी के संकेत
‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ पत्रिका में प्रकाशित परिणाम, रडार के अलावा अन्य आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए मिले साक्ष्य इस बात के पहले स्वतंत्र संकेत प्रदान करते हैं कि मंगल के दक्षिणी ध्रुव के नीचे तरल अवस्था में पानी है. शेफील्ड विश्वविद्यालय की भागीदारी के साथ कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने इसकी ऊंचाई में सूक्ष्म पैटर्न की पहचान करने के लिए ‘आइस कैप’ की ऊपरी सतह के आकार के अंतरिक्ष यान लेजर-अल्टीमीटर माप का इस्तेमाल किया. 

बर्फ के नीचे तरल रूप में पानी का संभावित क्षेत्र
उन्होंने इसके बाद दिखाया कि ये पैटर्न कंप्यूटर मॉडल की भविष्यवाणियों से मेल खाते हैं कि कैसे ‘आइस कैप’ के नीचे पानी का एक निकाय सतह को प्रभावित करेगा. उनके परिणाम पहले के बर्फ-भेदक रडार मापों के अनुरूप हैं, जिनकी मूल रूप से बर्फ के नीचे तरल रूप में पानी के संभावित क्षेत्र को दिखाने के लिए व्याख्या की गई थी.

'मंगल पर तरल रूप में पानी सबसे अच्छा संकेत'
सिर्फ रडार के आंकड़ों से तरल पानी के होने को लेकर की गई व्याख्या बहस का विषय है, और कुछ अध्ययनों में सुझाया गया कि रडार के संकेत पानी के तरल रूप के कारण नहीं है. अध्ययन के सह लेखक शेफील्ड विश्वविद्यालय के फ्रांसिस बुचर ने कहा, “यह अध्ययन अभी तक का सबसे अच्छा संकेत देता है कि आज मंगल पर तरल रूप में पानी है, क्योंकि इसका मतलब है कि पृथ्वी पर उप-हिमनद झीलों की खोज करते समय हम जिन दो महत्वपूर्ण साक्ष्यों की तलाश करेंगे, वे अब मंगल पर पाए गए हैं.” 

'जरूरी नहीं कि मंगल पर जीवन का अस्तित्व है'
बुचर ने कहा, “तरल रूप में जल जीवन के लिए अहम घटक है, यद्यपि जरूरी नहीं कि इसका मतलब यह हो कि मंगल पर जीवन का अस्तित्व है.” शोधकर्ताओं ने इस बात पर गौर किया कि ऐसे ठंडे तापमान पर तरल रूप में होने के लिए यह जरूरी है कि दक्षिणी ध्रुव के नीचे का पानी वास्तव में नमकीन हो. 

मंगल के दोनों ध्रुवों पर है पानी की मोटी बर्फ
हालांकि, ऐसे नमकीन पानी में किसी भी सूक्ष्मजीव जीवन का पनपना मुश्किल होगा. पृथ्वी की तरह, मंगल के दोनों ध्रुवों पर पानी की मोटी बर्फ है, जो ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर के संयुक्त आयतन के बराबर है. पृथ्वी पर बर्फ की चादरों के नीचे पानी के प्रवाह और यहां तक ​​कि बड़ी उपहिमनदीय झीलों के विपरीत मंगल ग्रह पर ध्रुवीय ‘आइस कैप’ के बारे में अब तक धारणा थी कि ठंडी जलवायु के कारण इनकी सतह तक ठोस बर्फ है. 

शोध का नेतृत्व करने वाले कैंब्रिज के स्कॉट पोलर रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर नील अरनॉल्ड ने कहा, “नए स्थलाकृतिक साक्ष्य, हमारे कंप्यूटर मॉडल के परिणाम, और रडार डेटा का संयोजन इस बात की अधिक संभावना बनाते हैं कि आज मंगल ग्रह पर कम से कम एक क्षेत्र में उपहिमनदीय पानी तरल अवस्था में मौजूद है और यह कि ‘आइस कैप’ के नीचे के पानी को तरल रखने के लिए मंगल को अब भी भू-तापीय रूप से सक्रिय होना चाहिए.”

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