वाशिंगटन: अमेरिका ने कहा है कि रूस का भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली बेचना क्षेत्र में और संभवत: उससे बाहर अस्थिरता पैदा करने में मॉस्को की भूमिका को प्रदर्शित करता है. अमेरिका भारत द्वारा रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदे जाने पर कई बार चिंता व्यक्त कर चुका है. भारत ने जोर देकर कहा है कि उसके फैसले उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के हित पर आधारित हैं. भारत और रूस के बीच से सौदा 5.43 अरब डॉलर में हुआ था.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने क्या कहा
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बृहस्पतिवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''एस-400 प्रणाली को लेकर जो हमारी चिंताएं है, उनमें कोई बदलाव नहीं आया है. मुझे लगता है कि यह क्षेत्र में और संभावित रूप से उससे बाहर अस्थिरता पैदा करने में रूस की भूमिका को उजागर करता है. ''
अमेरिका-भारत संबंध के असर पर पूछा गया सवाल
प्राइस से रूसी एस-400 प्रणाली को लेकर अमेरिका-भारत संबंध पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछा गया था, जिसके जवाब में उन्होंने यह बात कही. अमेरिका की ओर से यह टिप्पणी ऐसे समय में की गई है, जब यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस आमने-सामने हैं. अमेरिका की कड़ी आपत्तियों और जो बाइडन प्रशासन की ओर से प्रतिबंधों की चेतावनी के बावजूद भारत ने मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के अपने फैसले में कोई बदलाव करने से मना कर किया है. प्राइस ने कहा, ''चाहे भारत हो या कोई और देश, हम सभी देशों से आग्रह करते हैं कि वे रूस के साथ हथियार प्रणाली को लेकर कोई नया लेन-देन करने से बचें.
ढेरों खूबियां हैं इस हथियार में
-एस-400 रूस का बेहद आधुनिक मिसाइल सिस्टम है.
-इसकी तुलना अमेरिका के पैट्रिअट मिसाइल एयर डिफ़ेंस सिस्टम से होती है
- यह दुश्मनों के मिसाइल हमले को रोकने का काम करता है
-इससे विमान, क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलों और हाइपरसोनिक हथियारों को नष्ट किया जा सकता है
-इसका उपयोग ज़मीन पर बने इन्स्टॉलेशन पर भी किया जा सकता है
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