जर्मन हथियारों के बल पर सीरिया में कहर बरपा रहा है तुर्की

सीरिया में कुर्द बहुल इलाकों में तुर्की की बमबारी जारी है. वह अपनी सीमा से लगे 32 किलोमीटर के इलाके को खाली कराना चाहता है. लेकिन उसकी इस हरकत की वजह से पूरे इलाके में तनाव फैल गया है. पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ जाकर सीरिया में बमबारी करने की तुर्की की हिम्मत इसले हुई क्योंकि उसे पिछले 14 सालों में जर्मनी से भारी मात्रा में हथियार मिले हैं. 

Last Updated : Oct 18, 2019, 08:55 AM IST
    • जर्मन हथियारों का सीरिया में प्रयोग
    • तुर्की ने खरीदे जर्मनी से हथियार
    • उन्हीं हथियारों से कर रहा है कुर्दों पर हमला
जर्मन हथियारों के बल पर सीरिया में कहर बरपा रहा है तुर्की

नई दिल्ली: तुर्की ने जब से सीरिया पर हमला शुरु किया है, तब से भारत सहित अमेरिका, रुस और सभी देश उसका विरोध कर रहे हैं. लेकिन इससे बेपरवाह तुर्की लगातार सीरिया पर हमले किए जा रहा है. 

जर्मनी ने तुर्की को बेचा अरबों का हथियार 
जर्मनी ने इस साल तुर्की को सबसे ज्यादा हथियारों की सप्लाई की है. जिनका उपयोग वह सीरिया में कर रहा है. हालांकि जर्मनी ने सीरिया पर हमले के बाद तुर्की को हथियारों की सप्लाई रोक दी है. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी है. जर्मनी ने साल 2018 में तुर्की को 24.3 यूरो यानी लगभग 1900 करोड़ रुपए के हथियार दिए हैं. तुर्की जर्मनी का तीसरा सबसे बड़ा हथियारों का ग्राहक है. जर्मनी के अतिरिक्त फ्रांस, स्वीडन, फिनलैण्ड और नीदरलैण्ड ने भी तुर्की को हथियार बेचे हैं. लेकिन सीरिया पर हमले के बाद सबने तुर्की से मुंह मोड़ लिया है. 

हमले की तैयारी में पहले से लगा हुआ था तुर्की
सीरिया पर हमले के लिए तुर्की काफी समय से योजना बना रहा था. शायद यही वजह है कि उसने इस साल यानी 2019 में सबसे ज्यादा हथियारों की खरीद की है. अगस्त 2019 तक तुर्की जर्मनी से 1977 करोड़ रुपए कीमत के हथियार हासिल कर चुका था. इस साल खरीदे गए हथियारों में से तुर्की ने नौसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों की सबसे ज्यादा खरीद की है. 

नाटो सदस्य होने की वजह से यूरोपीय देशों ने तुर्की को बेचे हथियार
तुर्की यूरोप की सीमा पर जरुर स्थित है लेकिन यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है. लेकिन तुर्की नाटो का सदस्य है. जिसकी वजह से यूरोपीय देश तुर्की को हथियार बेचने पर राजी हुए. लेकिन अपने हथियारों का सीरिया में इस्तेमाल होता हुआ देखकर सबने अपने हाथ खींच लिए हैं. 
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोगन से बात करके उन्हें तुर्की पर हमला रोकने के लिए कहा है. लेकिन तुर्की किसी देश की बात नहीं मान रहा है. जिसके बाद यूरोपीय देश दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. 

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