नई दिल्ली. यूनाइटेड नेशंस के मुखिया एंटोनियो गुतेरेस पाकिस्तान में हैं. वे वहां चार दिवसीय दौरे पर आये हुए हैं. उन्होंने दो भारत विरोधी बातें ऐसी कह दी हैं कि लगता है कि पाकिस्तान और भारत को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भी राजनीति चल रही है जिनकी वजह से स्वार्थपूर्ण हरकतें देखने में आ रही हैं.
पहले किया था कश्मीर पर मध्यस्थता का प्रस्ताव
पाकिस्तान के चार दिवसीय दौरे को ऐतिहासिक बनाने पर तुले हुए हैं एंटोनिओ गुटेरेस. संयुक्त राष्ट्र का अंतर्राष्ट्रीय मंच भी अब क्षुद्र राजनीति का धरातल बनता जा रहा है. भारत के नागरिकता संशोधन क़ानून के पहले कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था.
भारतीय मुसलमानों की चिंता से परेशान गुटेरेस
पाकिस्तान में यूनाइटेड नेशंस के मुखिया बोले- मुझे भारतीय मुसलमानों की हो रही है चिंता. अहम बात तो ये है कि जिन शब्दों का प्रयोग यूएन महासचिव ने किया है वह भारत के पक्ष पर आपत्तिजनक माना जाएगा. उन्होंने कहा कि वे भारत की संसद में पास हुए भेदभावकारी नागरिकता कानून से 20 लाख मुस्लिमों के 'राज्यविहीन' हो जाने के संकट से चिंतित हैं.
यह गुटेरेस की निजी चिंता है
इतने महत्वपूर्ण विषय पर इतना बड़ा बयान देने के बाद गुतेरेस से जब पूछा गया कि क्या वे भारत में मुसलमानों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर निजी तौर पर चिंतित हैं?, तब गुटेरेस ने कहा कि -बिल्कुल! ये बहुत जरूरी है कि जब राष्ट्रीयता के कानूनों में परिवर्तन करके लोगों को राज्यविहीन बनाने की कोशिशें की जाएं तब हमारी ये जिम्मेदारी है कि दुनिया के हर व्यक्ति को किसी न किसी देश का नागरिक बनाये रखने में सहयोग करें.