तालिबानी सरकार को मान्यता देने की हड़बड़ी में नहीं है अमेरिका

व्हाइट हाउस ने गुरुवार को बताया कि वह अफगानिस्तान (Afghanistan) में बनी नई अंतरिम सरकार को मान्यता देने की हड़बड़ी में नहीं है. अभी वह अपने नागरिकों को संकटग्रस्त देश से निकालने के लिए तालिबान से बातचीत कर रहा है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 9, 2021, 05:46 PM IST
  • तालिबानी विद्रोहियों ने अगस्त में कर लिया था अफगानिस्तान पर कब्जा
  • विदेश मामलों की समिति ने तालिबान पर प्रतिबंधों को जारी करने को कहा
तालिबानी सरकार को मान्यता देने की हड़बड़ी में नहीं है अमेरिका

वाशिंगटन: अमेरिका, अफगानिस्तान (Afghanistan) में बनी नई अंतरिम सरकार को मान्यता देने की हड़बड़ी में नहीं है. अभी वह अपने नागरिकों को संकटग्रस्त देश से निकालने के लिए तालिबान (Taliban) से बातचीत कर रहा है. यह जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने दी.

प्रेस सचिव बोले- नहीं है जल्दबाजी
दरअसल, तालिबान विद्रोहियों ने अगस्त के मध्य में अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था और पश्चिमी देशों द्वारा समर्थित पिछले निर्वाचित नेतृत्व को हटा दिया. तालिबान ने मंगलवार को मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद (Mullah Hassan Akhund) के नेतृत्व में एक कार्यवाहक मंत्रिमंडल की घोषणा की. इसमें आंतरिक मंत्री के रूप में खूंखार हक्कानी नेटवर्क का एक विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी भी शामिल है. तालिबान द्वारा घोषित अंतरिम कैबिनेट पर पूछे गए सवालों के जवाब में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि अमेरिका काबुल में नए शासन को मान्यता देने की जल्दबाजी में नहीं है.
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अमेरिकियों को निकालने के लिए बातचीत जरूरी
साकी ने कहा, 'इस प्रशासन से कोई नहीं, न तो राष्ट्रपति और न ही राष्ट्रीय सुरक्षा दल से कोई यह मानेगा कि तालिबान वैश्विक समुदाय का सम्मानित व महत्त्वपूर्ण सदस्य है. उन्होंने किसी भी तरह से अपनी साख ऐसी नहीं बनाई है. यह कार्यवाहक मंत्रिमंडल है, जिसमें जेल भेजे जा चुके चार तालिबान लड़ाके भी शामिल हैं.' बकौल साकी, 'हमने यह नहीं कहा है कि हम इसे मान्यता देंगे और न ही हमें मान्यता देने की कोई जल्दबाजी है. हम अमेरिकी नागरिकों, वैध स्थायी निवासियों, एसआईवी आवेदकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए उनसे बातचीत कर रहे हैं, क्योंकि फिलहाल अफगानिस्तान पर उनका नियंत्रण है. हमें उनसे बातचीत करनी ही होगी.'
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मंत्रिमंडल में शामिल है एक आतंकवादी
साकी ने कहा, 'उनका नया कार्यवाहक मंत्री हक्कानी नेटवर्क का एक आतंकवादी है. वह बम विस्फोट के उस मामले में वांछित है, जिसमें एक अमेरिकी समेत छह लोग मारे गए थे. समझा जाता है कि वह अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ सीमा-पार से होने वाले हमलों में शामिल रहा है. उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम है. तो हम बातचीत क्यों कर रहे हैं?' बता दें कि अंतरिम सरकार में विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी सिराजुद्दीन हक्कानी अंतरिम मंत्री है.

तालिबान के बर्ताव पर है अमेरिका की नजर
उन्होंने कहा कि क्या हमें उन लोगों से बातचीत नहीं करनी चाहिए, जिनका अफगानिस्तान पर नियंत्रण है. क्या हम बचे हुए अमेरिकी नागरिकों को निकालने के लिए कुछ न करें? अमेरिका देख रहा है कि वे वहां से निकलने के इच्छुक लोगों को देश से निकलने दे रहे हैं या नहीं, वे महिलाओं के साथ कैसे पेश आ रहे हैं, वह कैसा बर्ताव और काम कर रहे हैं. इसलिए हम मान्यता देने को लेकर हड़बड़ी में नहीं हैं.
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इस बीच, सदन की विदेश मामलों की समिति के प्रमुख रिपब्लिकन माइकल मैककॉल नीत रिपब्लिकन समिति ने राजकोष मंत्री जनेट येलेन को लिखे पत्र में उनसे तालिबान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को जारी रखने का आग्रह किया. 

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