नई दिल्ली: कोरोना महामारी पूरी मानवता पर मौत बनकर मंडरा रहा है. इस बीमारी के खिलाफ विश्न स्वास्थ्य संगठन की ज़िम्मेदारी इस वक्त सबसे अहम है. लेकिन WHO पर सवाल इसलिए हैं, क्योंकि दुनिया भर को कोरोना के अपडेट और गाइडलाइन जारी करने वाली इस संस्था के अध्यक्ष की गंभीरता संदेह के घेरे में है.


अपने ही देश में 3 महामारियां छिपाने के आरोप


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO अध्यक्ष डॉ. टेड्रोस ऐडनम पर आरोप कई गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं. कोरोना को लेकर भी शायद वो इसीलिए सवालों के घेरे में हैं कि उनपर पहले भी आरोप लगते रहे हैं. टेड्रोस के देश इथोपिया में तीन बार हैजा फैला, लेकिन उन्होंने उसे महामारी के रूप में दर्ज तक नहीं है. उस दौरान वो इथोपिया के स्वास्थ्य मंत्री थे. देश में पर्यटन को नुकसान ना हो  इसलिए उन्होंने बीमारी का अलग नाम लिखा.


आरोप पर टेड्रोस ने कुछ यूं पेश की अपनी सफाई


हालांकि, डॉक्टर टेड्रोस ने इस तरह के आरोपों को मानने से साफ इनकार कर दिया है. उन्होंने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा है कुछ ताकतें मुझे बदनाम करने की साजिश रच रही हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ताज़ा आरोप भी उसी का हिस्सा हैं.


देश इथियोपिया में तीन बार फैला हैजा का प्रकोप


आपको बता दें, WHO चीफ टेड्रोस पर ये गंभीर आरोप लगा है कि वो साल 2006, 2009 और 2011 में अपने ही देश इथोपिया में फैले हैजे को दर्ज करने में नाकाम रहे. जो वाकई किसी WHO प्रमुख के खिलाफ बहुत बड़ा आरोप है. जानकारी के मुताबिक उनपर पहली बार साल 2017 के मई माह में इस तरह के आरोप सामने आए थे. जिस वक्त इथोपिया में हैजे का संक्रमण फैला था, उस वक्त टेड्रोस वहां के स्वास्थ्य मंत्री हुआ करते थे. साल 2012 से 2016 तक वो इथोपिया के विदेश मंत्री भी रहे.


कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही WHO चीफ की भूमिका सवालों के घेरे में है. पिछले हफ्ते ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कोरोना वायरस से निपटने में उनकी भूमिका पर सवाल खड़े किए थे और उन पर  चीन केंद्रित पॉलिसी बनाने का आरोप लगाया था. साथ ही ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका इस बात पर दोबारा से विचार करेगा कि वो WHO को फंड दे या नहीं.


इसे भी पढ़ें: पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में क्या फर्क है, कोरोना संकट ने दिखा दिया


WHO के अध्यक्ष पर सूडान में भी जब हैजा फैला तो उसे महामारी के तौर पर दर्ज नहीं करने का आरोप लगा है. आपको बता दें, उस दौरान अमेरिका के कुछ डॉक्टरों ने टेड्रोस को चिट्ठी लिखकर ये अपील भी की थी कि सूडान में फैले महामारी को महामारी के तौर पर दर्ज करें.


इसे भी पढ़ें: कोरोना ने अमेरिका को 100 साल पुरानी त्रासदी याद दिलाई



इसे भी पढ़ें: ब्रिटेन में नहीं बचे बॉडी बैग, चादर में लपेट कर रख रहे हैं शव