बर्लिन. 97 वर्षीय टाइपिस्ट और स्टेनोग्राफर को 10,505 लोगों की हत्या में शामिल होने का दोषी ठहराया गया है. इरगार्ड फर्चनर नाम की यह महिला नाजी पोलैंड के एक कंसंट्रेशन कैंप में काम करती थी. मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है.
दो साल की सजा
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इरगार्ड फर्चनर को जर्मनी के इत्जेहो की एक अदालत ने मंगलवार को दो साल की निलंबित जेल की सजा सुनाई.
नाबालिग थी फर्नचर
नाबालिग उम्र में फर्चनर ने नाजी कब्जे वाले पोलैंड में ग्दान्स्क के पास स्टटथोफ कैंप में काम किया था. फर्चनर ने 1943 से 1945 में नाजी शासन के अंत तक वहां काम किया.
अपराध के समय महिला नाबालिग थी. इसलिए आरोपी फर्चनर को सजा के लिए किशोर अदालत में पेश किया गया और उसे जुवेलाइन प्रोवेशन में रखा जाएगा. सितंबर 2021 में जब ट्रायल शुरू हुआ, तो फर्चनर अपने रिटायरमेंट होम से भाग गई और अंतत: हैम्बर्ग की एक सड़क पर पाई गई. कोर्ट में अपने संबोधन में, फुर्चनर ने कहा: जो कुछ भी हुआ उसके लिए मुझे खेद है. मुझे खेद है कि मैं उस समय स्टुट्थोफ में थी. मैं बस इतना ही कह सकती हूं.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, फर्चनर को 10,505 लोगों की हत्या में मदद करने और हत्या के लिए उकसाने और पांच अन्य की हत्या के प्रयास में मिलीभगत का दोषी पाया गया.
कई तरीके से हत्या
स्टुट्थोफ में 65,000 लोग भयानक परिस्थितियों में मारे गए थे, जिनमें यहूदी कैदी, गैर-यहूदी ध्रुव और कैद किए गए सोवियत सैनिक शामिल थे. स्टुट्थोफ में, जून 1944 से कैदियों की हत्या करने के लिए कई तरह के तरीकों का इस्तेमाल किया गया. गैस चैंबरों में हजारों लोग मारे गए. यह मुकदमा जर्मनी में नाजी-युग के अपराधों में अंतिम हो सकता है, हालांकि कुछ केस की अभी भी जांच की जा रही है.स्टुट्थोफ में किए गए नाजी अपराधों के लिए हाल के वर्षों में दो अन्य मामले अदालत में गए हैं.
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