अंडरकवर एजेंट कैसे बना रूस का राष्ट्रपति, क्या है Vladimir Putin की कहानी?

Who is Vladimir Putin: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले KGB के जासूस हुआ करते थे. पुतिन के पिता सोवियत नेवी में कार्यरत थे. पुतिन बचपन से ही सोवियत रूस की खुफिया एजेंसी में काम करना चाहते थे. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 18, 2024, 01:10 PM IST
  • 15 साल तक विदेश में की जासूसी
  • पुतिन पहले बने कार्यकारी राष्ट्रपति
अंडरकवर एजेंट कैसे बना रूस का राष्ट्रपति, क्या है Vladimir Putin की कहानी?

नई दिल्ली: Who is Vladimir Putin: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर से चुनाव जीत गए हैं. वे बीते 25 सालों से रूस की सत्ता पर काबिज हैं. उन्होंने रूसे में अपने पक्ष में ऐसा तंत्र खड़ा कर लिया है, जिसके दम पर वे लगातार जीत दर्ज करते आ रहे हैं. पुतिन के राष्ट्रपति पद तक पहुंचने की कहानी काफी दिलचस्प है. आइए, जानते हैं कि एक जासूस देश के राष्ट्रपति पद तक कैसे पहुंचा?

सोवियत नेवी में थे पिता
व्लादिमीर पुतिन का पूरा नाम व्लादिमीर व्लादिमीरोविच पुतिन है. उनका जन्म 7 अक्टूबर, 1952 को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में हुआ. पुतिन के पिता सोवियत नेवी में काम करते थे. जबकि मां फैक्ट्री वर्कर थीं. घर के आर्थिक हालात कुछ खास ठीक नहीं थे. पिता सोवियत नेवी में नौकरी करते थे, इसलिए पुतिन को बचपन से ही सोवियत रूस की खुफिया एजेंसी में जाना था. 

स्कूल टाइम से ही KGB में काम करना चाहते थे
बताया जाता है कि पुतिन ने स्कूल टाइम के दौरान लेनिनग्राद के लोकल KGB (सोवियत यूनियन की खुफिया एजेंसी) दफ्तर में काम करना चाहा. लेकिन उन्हें कहा गया कि इसके लिए सेना ज्वॉइन करनी होगी या कम से कम ग्रेजुएशन तो करना ही पड़ेगा.

कॉलेज टाइम में भी KBG  के मिशन पर थे
पुतिन ने लेनिगग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की. हालांकि. माना जाता है कि पुतिन पढ़ाई के दौरान भी KGB के एक मिशन पर थे. वे यहां विदेशी छात्रों और प्रोफेसर्स पर नजर रखते थे. ग्रेजुएशन करने के बाद पुतिन ने KFB ज्वॉइन कर ली. 

15 साल तक विदेश में जासूसी की
फिर पुतिन ने रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी के लिए विदेश में 15 साल तक काम किया. पुतिन 6 साल तक जर्मनी के ड्रेस्डेन में खुफिया अधिकारी के तौर पर काम किया. साल 1990 में पुतिन KGB से लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक से रिटायर हुए. फिर वे रूस लौट गए. रिटायरमेंट के बाद पुतिन लेनिनग्राड स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर बन गए.

पुतिन का सीक्रेट नाम
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 6 KGB साथियों में एक व्लादिमीर उसोल्तसेव ने पुतिन को 'वोलोद्या' निकनेम दिया था. इसका हिंदी अर्थ 'छोटा' है. पुतिन का ‘प्लाटोव’ और ‘एडामोव’ भी सीक्रेट नाम हुआ करता था. 

कब बने राष्ट्रपति?
31 दिसंबर, 1999 में रूस के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने लंबी बीमारी के बाद इस्तीफा दे दिया. उन्होंने स्टेट टेलीविजन रुंधे गले से अपने इस्तीफे की घोषणा की. फिर पुतिन को सोवियत रूस क कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया. फिर पुतिन ने 26 मार्च, 2000 को पहली बार राष्ट्रपति का चुनाव जीता. इसके बाद से पुतिन लगातार राष्ट्रपति हैं.  

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