नई दिल्ली: पूरी दुनिया इस समय वीभत्स और भयानक महामारी कोरोना वायरस की चपेट में है. दुनिया में 6 लाख से भी ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं और शीघ्र ही ये संख्या 7 लाख तक पहुंच जाएगी. WHO ने हेपेटाइटिस बी के बारे में पूरी दुनिया से एक आंकड़ा साझा किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस पर जिस लापरवाही और चीनी साजिश को अंजाम देने का काम किया किया उससे अमेरिका समेत दुनिया के सभी पीड़ित देश नाराज हैं.
हेपेटाइटिस बी से 53 लाख बच्चों की मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि 2020 से साल 2030 तक 10 वर्षों में तकरीबन पूरी दुनिया में हेपेटाइटिस बी नामक बीमारी से 53 लाख बच्चों की मौत होगी. WHO ने रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2019 में दुनिया भर में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में संभावित जानलेवा हेपेटाइटिस-बी की मौजूदगी में कमी आई है. संगठन के मुताबिक 1980-2000 के दौर में ये करीब 5 फीसद थी.
क्लिक करें- राजस्थान: गुस्से में मायावती, 'गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करें बसपा विधायक'
कोरोना की वजह से हेपेटाइटिस बी के निवारण पर असर
WHO ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से संगठन द्वारा चलाए जा रहे हेपेटाइटिस-बी टीकाकरण कार्यक्रम रुकावट पैदा हुई है जिससे भविष्य के तय लक्ष्यों को हासिल करने में भी दिक्कत हो सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से हेपेटाइटिस मुक्त भविष्य को इस वर्ष की थीम बनाया गया है. इसमें संगठन ने इस बीमारी के खात्मे पर जोर दिया है.
28 जुलाई को मनाया जाता है विश्व हेपेटाइटिस बी दिवस
आपको बता दें कि हेपेटाइटिस-बी को साइलेंट किलर कहा जाता है. हेपेटाइटिस-बी लिवर को प्रभावित करने वाला एक वायरस संक्रमण है जिससे अनेक तरह की बीमारियां होती हैं, जिनमें कैंसर भी शामिल है. इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के इरादे से हर वर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस-बी दिवस मनाने का फैसला किया गया था.