जिनपिंग के नए सिपहसालार कौन? 'टॉप कैबिनेट' को तलाश रही कम्युनिस्ट पार्टी की 'निगाहें'

विश्लेषक इस बारे में विमर्श करेंगे कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की महत्वपूर्ण इकाइयों में किसे शामिल किया जाए और किसे बाहर किया जाए. सबकी नजरें पोलित ब्यूरो स्थायी समिति पर हैं जिसके सात सदस्य जिनिपिंग के अधीन काम करते रहे हैं.

Edited by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 19, 2022, 05:03 PM IST
  • कौन होंगे शी जिनपिंग के नए साथी?
  • CPC के कई महत्वपूर्ण पदों पर होगी नियुक्ति
जिनपिंग के नए सिपहसालार कौन? 'टॉप कैबिनेट' को तलाश रही कम्युनिस्ट पार्टी की 'निगाहें'

बीजिंग. चीन में सत्तारूढ़ सीपीसी की बैठक में विमर्श के बाद रविवार को जहां 69 वर्षीय शी जिनपिंग को राष्ट्रपति के रूप में पांच साल के लिए तीसरा कार्यकाल मिलना तय है. वहीं यह स्पष्ट नहीं है कि अगले पांच वर्षों में पार्टी की महत्वपूर्ण इकाइयों-केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो में उनके साथ कौन शामिल होगा. यानी इस बार शी जिनपिंग की 'टॉप कैबिनेट' का हिस्सा कौन-कौन नेता होंगे.

विश्लेषक इस बारे में भी विमर्श करेंगे कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की महत्वपूर्ण इकाइयों में किसे शामिल किया जाए और किसे बाहर किया जाए. सबकी नजरें पोलित ब्यूरो स्थायी समिति पर हैं जिसके सात सदस्य जिनिपिंग के अधीन काम करते रहे हैं.

रविवार को होंगे कई महत्वपूर्ण फैसले
पार्टी रविवार को कई महत्वपूर्ण फैसलों की घोषणा करेगी. यह भी देखने वाली बात होगी कि महत्वपूर्ण पदों पर कितने नए नेताओं को जगह मिलती है. सबसे बड़ा सवाल पार्टी के दूसरे शीर्ष नेता और प्रधानमंत्री ली क्विंग के भविष्य से जुड़ा है जो 2012 से ही स्थायी समिति में हैं. मुख्यत: वही देश के मंत्रिमंडल और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करते रहे हैं.

जिनपिंग ने दिया 2 घंटे लंबा भाषण
इससे पहले सीपीसी की बैठक के दौरान शी जिनपिंग ने करीब दो घंटे लंबा भाषण दिया था. इस भाषण के दौरान साफ दिखा कि शी जिनपिंग बीते दो दशकों से चली आ रही चीन की नीतियों में आगे भी कोई बदलाव नहीं करने जा रहे हैं. 

विरोध के मद्देनजर 14 लाख गिरफ्तारी!
हालांकि शी जिनपिंग की तीसरी बार ताजपोशी को लेकर चीन में विरोध भी हो रहा है. सीपीसी की बैठक के दौरान ही एक 'मिस्ट्री मैन' ने देश में कई जगह सरकार विरोधी पोस्टर्स लगाए हैं. इन पोस्टर्स में सरकार की कोविड नीतियों की आलोचना की गई है.

एक पोस्टर में कहा गया है- 'हमें खाना चाहिए, कोरोना टेस्ट नहीं.' सीपीसी की बैठक के विरोध की आशंका के मद्देनजर बीजिंग की सड़कों पर हर 100 फुट पर सिक्योरिटी वॉलंटियर तैनात किए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जून महीने तक देश में 14 लाख ऐसे संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी की गई थी जो किसी भी तरह का विरोध कर सकते हैं. 

यह भी पढ़िए- 7 दिन में रूस ने यूक्रेन पर मचाया 'बमवर्षा का आतंक', उड़ा दिए एक तिहाई बिजली स्टेशन

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.  

ट्रेंडिंग न्यूज़