नई दिल्ली: टेरर फंडिंग मामले में पति को उम्र कैद की सजा मिलना यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मालिक को नागवार गुजरा है. पिछले कई दिनों से और खासकर सजा सुनाई जाने के बाद उसने सोशल मीडिया पर जहर उगलने का अभियान चलाया है.
सोशल मीडिया पर यासीन को लेकर छेड़ा अभियान
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि 'यासीन मलिक का केस हर स्तर पर लड़ा जाएगा, हम न झुकेंगे और न झुकेंगे. उसके पीछे पूरा कश्मीरी और पाकिस्तानी राष्ट्र है. मैं कश्मीरी लोगों से अपना संघर्ष जारी रखने की अपील करती हूं और उनसे यासीन मलिक के लिए आवाज उठाने का आग्रह करती हूं.'
Case of Yasin Malik will be contested at all levels. We will neither give in nor give up. He has whole Kashmiri and Pakistani nation behind him. I appeal Kashmiri people to continue with their struggle and urge them to keep raising voice for Yasin Malik.@UN @UNHumanRights
— Mushaal Hussein Mullick (@MushaalMullick) May 26, 2022
इस बीच टेरर फंडिंग की जांच करने वाली एजेंसियों को उम्मीद है कि इस मामले में बाकी के आरोपियों को भी सजा मिलेगी. टेरर फंडिंग की जांच करने वाले आईपीएस अफसर अनिल शुक्ला 1996 बैच के यूटी कैडर पुलिस अफसर हैं. वह एनआईए में डीआईडी से आईजी तक के पद पर तैनात रहे.
अपने कार्यकाल में उन्होंने टेरर फंडिंग मामले की जांच का नेतृत्व किया था. इस केस में 650 इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस जब्त कर उसकी जांच की गई थी. इसके अलावा 10 राज्यों में एनआईए ने 90 जगहों पर छापेमारी की थी.
यासीन को उम्र कैद की सजा मिलने के साथ ही कश्मीर में चल रहा पाकिस्तानी अलगाववादी राजनीतिक नाटक तूल पकड़ रहा है.
20 साल छोटी यासीन मलिक की 'महबूबा'
अलगाववादी नेता यासीन मलिक से बीस साल छोटी उनकी पत्नी मुशाल मलिक ने साल 2009 में यासीन मलिक से शादी की थी. इससे पहले दोनों का कई साल अफेयर भी रहा था. दअरसल ऐसा कहा जाता है कि साल 2005 में कश्मीर के अलगाववादी मूवमेंट के लिए यासीन मलिक ने पाकिस्तान का खुले तौर पर समर्थन मांगा था और काफी लंबा भाषण दिया था. उसी दिन से मुशाल यासीन के प्रति आकर्षित हो गई थीं.
काफी समय तक दोनों का मिलना-जुलना चलता रहा और फिर दोनों ने निकाह का फैसला कर लिया. 22 फरवरी 2009 को दोनों ने शादी भी कर ली. अब दोनों से एक बेटी भी है.
फिर जाग गया महबूबा मुफ्ती का पाकिस्तान प्रेम?
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अपने बयानों से बार-बार साबित कर रही हैं कि उनकी परस्ती पाकिस्तान से है, टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक को सजा मिलने के दौरान एक बार फिर उनका पाकिस्तान प्रेम जाग गया, इस बार उन्होंने भारत की न्यायपालिका से बेहतर पाकिस्तान की न्यायपालिका को बताया है.
उनके इस बयान से अब विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी और पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने यासीन मलिक की सजा के विरोध में बयान दिए थे.
ठीक उसी तरह महबूबा मुफ्ती ने भी आतंकी यासीन मलिक के पक्ष में खड़े हो कर पाकिस्तान की न्यायपालिका को बेहतर बता डाला है. आपको बता दें कि भारत में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन चल रहा है, जबकि आतंकवादी टारगेट किलिंग के जरिए कश्मीर में लगातार दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. बीती रात आतंकवादियों ने टीवी एक्ट्रेस अमरीन भट की हत्या कर दी. ऐसे में महबूबा मुफ्ती के विवादित और भड़काऊ बयान से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
महबूबा ने क्या कहा?
JKPDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 'पाकिस्तान में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई, उन्होंने 6 लोगों को फांसी और 12 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. 2015 के बाद यहां (भारत) कई अखलाकों की हत्या की गई है. उन्हें माला पहनाई जाती है, सजा नहीं. यही उनकी न्यायपालिका और भारत की न्यायपालिका में अंतर है.'
उन्होंने ये भी बोला कि 'जम्मू कश्मीर एक सियासी मसला है. यहां पहले भी कई लोगों को फांसी दी गई है और कई लोगों को उम्रकैद मिली है. इन सभी से मसले हल नहीं हुए बल्कि और उलझ गए.'
महबूबा के 5 'पाकिस्तानी' बोल!
- 25 मई 2022 को महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'भारत की न्यायपालिक से पाकिस्तान की न्यायपालिका बेहतर है'
- सितम्बर 2021 में महबूबा ने कहा था कि 'तालिबान अब एक सच्चाई है, उन्हें असली शरिया कानून मानना चाहिए.'
- इससे पहले अक्टूबर 2020 में उन्होंने कहा था कि 'जब तक जम्मू-कश्मीर में पुराना संविधान और झंडा नहीं लगाया जाएगा, तब तक हम चुनाव नहीं लड़ेंगे.'
- इससे पहले जनवरी 2019 में महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि 'ये 'आतंकी' इस धरती के बेटे हैं, इनसे बातचीत करनी चाहिए.'
- जुलाई 2018 में महबूबा ने बोला था कि 'अगर दिल्ली से दिक्कतें पहुंचाई गई, 1989 में यासीन मलिक, सलाहुद्दीन जैसे लोग बने थे, इस बार उससे ज्यादा खतरनाक हालात पैदा होंगे.'
सजा पर पाकिस्तानियों ने क्या बोला?
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने कहा कि यासीन मलिक पर झूठे आरोप हैं. कश्मीर की आजादी के संघर्ष को नहीं रोक पाएंगे.
पाकिस्तान असेंबली के स्पीकर राजा परवेज अशरफ ने बोला कि यासीन मलिक के मामले में न्याय का गला घोंटा गया.
पूर्व पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बसित ने कहा कि भारतीय अदालत द्वारा न्यायिक आतंकवाद किया गया है.
पाकिस्तान का पीएम, आतंकी का हमदर्द
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि 'भारत के लोकतंत्र और न्यायपालिका के लिए काला दिन है. भारत यासीन मलिक को जेल में रख सकता है, लेकिन मलिक की उस सोच को कैद नहीं कर सकता जो आजादी का हिमायती है.'
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने बोला कि 'भारत कभी भी कश्मीरियों की आजादी और उनके आत्म सम्मान की आवाज़ को चुप नहीं करा सकता है. पाकिस्तान कश्मीरी भाइयों और बहनों के साथ खड़ा है और उनके साथ संघर्ष में हर संभव मदद करता रहेगा.'
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