चंडीगढ़ कोर्ट ने 'Emergency' को लेकर कंगना रनौत को जारी किया नोटिस, सिखों की छवि खराब करने के लगे आरोप
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चंडीगढ़ कोर्ट ने 'Emergency' को लेकर कंगना रनौत को जारी किया नोटिस, सिखों की छवि खराब करने के लगे आरोप

Kangana Ranaut Emergency Movie Release Date: चंडीगढ़ की एक अदालत ने फिल्म 'इमरजेंसी' के लिए कंगना रनौत को नोटिस जारी किया है. इसके पीछे की क्या वजह है इस खबर में जानिए.. 

चंडीगढ़ कोर्ट ने 'Emergency' को लेकर कंगना रनौत को जारी किया नोटिस, सिखों की छवि खराब करने के लगे आरोप

Kangana Ranaut News: चंडीगढ़ की एक अदालत ने कंगना रनौत की (Kangana Ranaut Movie) फिल्म 'इमरजेंसी' (Emergency Film) में सिखों की छवि खराब करने के आरोप में दर्ज शिकायत के आधार पर अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut News) और अन्य को नोटिस जारी किया है. 

चंडीगढ़ जिला अदालत ने अधिवक्ता रविंदर सिंह बस्सी की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए ये नोटिस जारी किया है. वह 'लॉयर्स फॉर ह्यूमैनिटी' एनजीओ के अध्यक्ष भी हैं. प्रतिवादियों को पांच दिसंबर तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है. बस्सी ने याचिका में आरोप लगाया कि कंगना रनौत और अन्य प्रतिवादियों ने फिल्म 'इमरजेंसी' में 'सिखों की छवि खराब करने' की कोशिश की है. 

खासतौर पर अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार को 'आतंकवादी' के रूप में चित्रित करके उन्हें 'निशाना बनाया' है. बस्सी ने याचिका में आरोप लगाया, आरोपियों ने इतिहास के उचित तथ्यों और आंकड़ों का अध्ययन किए बिना सिखों के बारे में खराब अवधारणा चित्रित की है और सिख समुदाय के जत्थेदार के खिलाफ गलत और झूठे आरोप भी लगाए हैं. 

उन्होंने कहा, फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार अलग राज्य की मांग कर रहे थे, जो पूरी तरह से झूठ है और यह सिर्फ सिखों और अकाल तख्त जत्थेदारों की छवि को खराब करने के लिए दिखाया गया था. चंडीगढ़ जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बस्सी द्वारा दायर याचिका में कहा गया, कि आरोपियों ने अपने इस कृत्य और आचरण से सामान्यतः सिख समुदाय और अभिसाक्षी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. 

उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म 'इमरजेंसी' की अभिनेत्री, निर्माता और निर्देशक ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ बयान और भाषण देकर समुदायों के बीच मतभेद पैदा किया. याचिकाकर्ता ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 196(1) (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समुदाय के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बिगाड़ना), 197(1) (भारत की संप्रभुता, एकता, अखंडता या सुरक्षा को खतरे में डालने वाली झूठी या भ्रामक जानकारी बनाना या प्रकाशित करना), 302 (किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर शब्द आदि बोलना) और 299 (किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य) के तहत कंगना रनौत और दो अन्य प्रतिवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है. 

रिपोर्ट- प्रीति नरेश, भाषा

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