Kangana Ranaut Film Emergency: कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज को लेकर मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. चंडीगढ़ में आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग वाली एक याचिका दायर की गई.
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Kangana Ranaut Film: मंडी से भाजपा सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज को लेकर मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं. दरअसल, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान सेंसर बोर्ड ने साफ कर दिया है कि इस फिल्म को अभी तक सर्टिफिकेट ही जारी नहीं किया गया.
बता दें, फिल्म 'इमरजेंसी' में कथित तौर पर ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने और सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में फिल्म अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत के खिलाफ शनिवार को चंडीगढ़ में आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग वाली एक याचिका दायर की गई. एरिया मजिस्ट्रेट के यहां धारा 302, 299, 196 पार्ट वन, 197 पार्ट वन बीएनएस के तहत मामला दर्ज कराया गया है. वहीं, मामले की अगली तारीख 17 सितंबर 2024 तय की गई है.
केस दायर करने वाले डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन चंडीगढ़ के पूर्व अध्यक्ष और लॉयर्स फॉर ह्यूमैनिटी के प्रधान एडवोकेट रविंदर सिंह ने कहा कि कंगना रनौत द्वारा बनाई गई फिल्म 'इमरजेंसी' में सर्वोच्च श्री अकाल तख्त साहिब को बदनाम करने की कोशिश की गई है, जो सिक्खों का स्थान है.
उन्होंने आगे कहा कि जत्थेदार संत जरनैल सिंह भिंडरावाले को आतंकवादी के रूप में पेश करने का प्रयास किया गया है, जो पूरी तरह से निराधार है क्योंकि उनके खिलाफ ऐसी कोई एफआईआर नहीं थी. क्योंकि श्री आनंदपुर साहिब प्रस्ताव को लागू करने के लिए धर्म युद्ध मोर्चा का गठन किया गया था और सरकार ने इसे गलत तरीके से लिया और श्री हरमंदिर साहिब पर हमला किया और वहां निर्दोष लोग मारे गए, इस दौरान तत्कालीन जत्थेदार जरनैल सिंह भिंडरावाले भी शहीद हो गए.
उन्होंने कहा कि फिल्म की फंडिंग की जांच के लिए ईडी से आग्रह किया कि ईडी जानें कि फिल्मों के निर्माण के लिए पैसा कहां से आ रहा है. उन्होंने कहा कि यह फिल्म तथ्यों का अध्ययन किए बिना बनाई गई है.
रविंदर सिंह ने बताया कि भावनाओं को आहत करने और दो समुदायों के बीच तनाव पैदा करने के प्रयास के लिए कंगना रनौत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. हमने कंगना रनौत द्वारा लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने और दो समुदायों के बीच तनाव पैदा करने के प्रयास के लिए धारा 302, 299, 196 भाग एक, 197 भाग एक बीएनएस के तहत क्षेत्र मजिस्ट्रेट के यहां आपराधिक मामला दर्ज किया है अगली तारीख 17 सितंबर, 2024 तय की गई है. इसके तहत अधिकतम 2 साल की सजा का प्रावधान है.