गुरदास मान का जन्म 4 जनवरी 1957 को पंजाब के मुक्तसर जिले में स्थित गिद्दड़बाहा नामक कस्बे में हुआ था, जहां से उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की. मान को बचपन से ही सिंगिंग और मिमिक्री करना पसंद था.
एक गायन कार्यक्रम में मिले अधिकारियों ने मान को बिजली बोर्ड में नौकरी करने का प्रस्ताव दिया, जहां उन्होंने कुछ समय तक काम किया. उनकी गायकी को देखते हुए 1980 में एक निर्माता ने उनसे डीडी नेशनल में "दिल दा मामला है" गाने के लिए संपर्क किया था. जिसके बाद से उनके गायन करियर की शुरुआत हुई.
1980 में अपने करियर की शुरुआत करने के बाद से ही गुरदास मान ने 34 से अधिक एल्बम रिकॉर्ड किए और 305 से अधिक गाने लिखे हैं. उन्होंने पंजाबी के साथ-साथ हिंदी, बंगाली, तमिल, हरियाणवी और राजस्थानी भाषा में गायन किया है. इतना ही नहीं बल्कि मान ने कई पंजाबी, हिंदी और तमिल फिल्मों में अभिनय भी किया है.
आप शायद इस बात को ना जानते हो कि गुरदास मान केवल सिंगिंग में ही माहिर नहीं, बल्कि मार्शल आर्ट में भी एक्सपर्ट हैं. मान ने जूडो कराटे में 'ब्लैक बेल्ट' भी जीती है.
गुरदास मान के लिए साल 2001 बहुत मुश्किलों भरा था. दरअसल, 9 जनवरी 2001 को पंजाब के रूपनगर के पास मान की गाड़ी की एक ट्रक के साथ जोरदार टक्कर हो गई थी. हादसे में मान को काफी चोटें आई थी और उनके ड्राइवर की मृत्यु हो गई थी. मान ने बाद में एक इंटरव्यू में बताया कि, हादसे से कुछ समय पहले ड्राइवर ने उन्हें सीटबेल्ट लगाने की सलाह दी थी. अगर उन्होंने सलाह ना मानी होती तो शायद उनकी भी मृत्यु हो जाती. मान के लिए उनका ड्राइवर एक दोस्त की तरह था, जिसकी मृत्यु के बाद मान ने उनके लिए "बैठी साडे नाल सवारी उतर गई" गाना लिखा और पेश भी किया.
गुरदास मान के करियर में कई फेमस गाने मौजूद हैं, जिन्होंने उन्हें दुनिया में अलग पहचान दिलाई है. मान आमतौर पर समाज से जुड़े मुद्दों पर गाने बनाते हैं. उनके गाने 'दिल दा मामला है', 'रोटी', 'की बनु दुनिया दा', 'मामला गड़बड़ है', और 'छल्ला' काफी हिट हुए थे.
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