Sushant Singh Rajput: 14 जून का वो दिन सुशांत सिंह की जिंदगी का आखिरी दिन था. कोई ये सोच भी नही सकता था कि एक हंसता-खिलखिलाता हुआ शख्स ऐसे सबको छोड़ के चला जाएगा...
Trending Photos
Sushant Singh Rajput: यह विश्वास करना अभी भी मुश्किल है कि सुशांत अब हमारे बीच नहीं रहे. जिंदगी को कैसे जीना है ये सिखाने वाले सुशांत ने 14 जून 2020 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.
आज भी सुशांत के फैंस को दिल को झकझोर देने वाले उस दिन की यादें एक फिल्म की तरह याद हैं, जो न चाहते हुए भी सामने आ जाती है. चलिए दो साल पहले के उन पन्नों को पलटते हैं जिसमें कैद है उस काले दिन की कहानी....
उन आखिरी पलों में सुशांत के साथ क्या-क्या हुआ...
14 जून 2020 रविवार का दिन....दोपहर का समय, सुशांत मुंबई में बांद्रा वेस्ट में अपने अपार्टमेंट माउंट ब्लैंक में थे. आप सभी को याद होगा कि उस दौरान कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लगा हुआ था. हम सबके लिए वो दिन आम था, लेकिन सुशांत के लिए वो दिन उनकी जिंदगी का आखिरी दिन था.
चुपचाप अपने कमरे में बैठे रहे सुशांत....
14 जून की पिछली रात यानि शनिवार की रात तक तो सब ठीक था. रिपोर्ट के अनुसार सुशांत उस रात अकेले नहीं थे, बल्कि उस रात उनका एक दोस्त भी घर पर मौजूद था. उस रात से ही सुशांत कुछ अलग से नजर आ रहे थे, न अपने दोस्त के साथ हंसी-मजाक किया और न ही सुशांत कमरे से बाहर निकले. बस चुपचाप अपने कमरे में बैठे रहे.
मुझे भूख नहीं- सुशांत...
सुशांत के हाउसकीपर दीपेश सावंत जब सुशांत को रात के खाने के लिए बुलाने गए तो सुशांत ने खाने से भी मना कर दिया. सुशांत ने दीपेश को कहा कि वो खाना खा लें, मुझे भूख नहीं हैं. ये बात तो जाहिर थी कि अंदर ही अंदर सुशांत काफी परेशान थे जिस वजह से उन्होंने खाना खाने से भी मना कर दिया था.
जैसे-कैसे रात बीती मगर...!
पूरी रात सुशांत अपने कमरे में अकेले थे. किसी को भी नहीं पता की उस रात क्या हुआ. पूरी रात सुशांत सोये भी थे या नहीं, ये भी आज तक किसी को नहीं पता. जैसे-कैसे रात तो बीत गई, रविवार 14 जून की सुबह हाउसकीपर दीपेश सावंत 5.30 बजे उठे.
गुमसुम अपने बिस्तर पर बैठे सुशांत
कुछ देर बाद जब वो सुशांत सिंह राजपूत के कमरे में गए तो उसने देखा कि सुशांत पहले से ही उठे हुए थे. सुशांत गुमसुम अपने बिस्तर पर बैठे थे. दीपेश ने उन्हें चाय के लिए पुछा, लेकिन सुशांत ने चाय से भी मना कर दिया. ये सुनकर दीपेश कमरे से चले गए, और अपने काम में लग गए.
आखिरी बार सुशांत ने पीया जूस!
सुबह लगभग 9:15 के करीब एक बार फिर से दिपेश सुशांत के कमरे में गए. उन्होंने सुशांत को अनार का रस और नारियल पानी दिया. तब तक भी सब कुछ सही था, लेकिन ये हाउसकीपर दीपेश सावंत के जहन में भी नहीं आया होगा कि वो आखिरी बार अपने मालिक सुशांत को जूस देने जा रहे थे.
सुशांत ने अपनी बहन को भी किया था कॉल
इस दुनिया को अलविदा कहने से पहले सुशांत ने अपनी बहन मीतू को भी कॉल किया था. करीब 9:30 बजे सुशांत ने मीतू से कुछ देर फोन पर बात की. बहन को अपने भाई की परेशानी तो मालूम थी लेकिन, उस बहन को ये मालूम नही था कि उसका जान से भी प्यारा भाई इस दुनिया को छोड़ कर चला जाएगा.
बेचैन सुशांत ने दरवाजा किया था बंद...
बेचैन सुशांत ने अपना कमरा एक बार फिर अंदर से बंद कर लिया था. दिपेश ने दोपहर के भोजन के लिए सुशांत से बात करनी चाही पर उसने देखा कि दरवाजा बंद हैं. इस बार दिपेश चिंतित हुए, जब दिपेश को कुछ समझ नहीं आया तो उसने सुशांत के सबसे करीबी दोस्त सिद्धार्थ पिठानी को पूरी बात बताई और उन्हें वहां आने के लिए कहा.
क्यों लॉकमेकर्स को बुलाया?
करीब 11:15 के करीब बार-बार सुशांत के कमरे का दरवाजा खटखटाया गया. जब सुशांत ने दरवाजा नही खोला. तब सभी परेशान हो गए, सुशांत के दोस्त, दिपेश...सभी ने कमरे के बाहर खड़े होकर सुशांत को आवाज दी, पर कोई जवाब नही मिला. एक घंटे तक कमरे का दरवाजा खोलने की कोशिश करने के बाद सुशांत दोस्तों ने मीतू को भी बुलाया. साथ ही लॉकमेकर्स को बुलवाने का फैसला भी लिया.
पैरों के नीचे से खिसक गई थी जमीन....
दोपहर 12.30 से 12.45 बजे के बीच दरवाजा तोड़ा गया. दरवाजा खुलने के बाद दिपेश और सुशांत के दोस्त पिठानी कमरे में दाखिल हुए. कमरे की बत्तियां बुझी हुई थी,जब कमरे की लाइट जलाई तो सबके होश उड़ गए. वो लम्हा देख सभी के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई हो. सुशांत को फांसी पर लटका हुआ देखा गया. उनके गले में हरे रंग के कपड़े का फंदा लगा हुआ था.
दरवाजा खुला मगर........!
उस दिन बंद दरवाजा तो खुल गया लेकिन एक बेटे, एक भाई, एक दोस्त, एक अभिनेता की सांसे बंद हो गई. खैर इस बात का खुलासा अब तक नहीं हुआ कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की या उनकी हत्या हुई. इस बात पर आज भी यकीन करना उतना ही मुश्किल है जितना दो साल पहले था.
मौत हत्या या आत्महत्या ?
महज 34 साल की उम्र में ये दुनिया छोड़े सुशांत को आज 2 साल हो गए है. मगर उनकी मौत आज भी उनके परिवार और उनके चाहने वालों के लिए एक राज बनी हुई है. सुशांत सिंह ने सबकुछ खत्म करने का फैसला अचानक लिया या फिर वो लगातार परेशान थे? वो अंदर ही अंदर क्यों घुटे जा रहे थे? आज भी इन सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश की जा रही है.