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दर्शन कैत/कुरुक्षेत्र : एचआईवी का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं. इससे पीड़ित मरीजों से लोग दूरी बना लेते हैं. अक्सर लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि अगर कोई गर्भवती महिला एचआईवी पॉजिटिव है तो उसका क्या होने वाले बच्चा भी संक्रमित होगा ?
कुरुक्षेत्र स्वास्थ्य विभाग के आकड़ों की मानें तो इस सवाल का जवाब है-न. स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता के कारण कुरुक्षेत्र जिले में पिछले पांच वर्षों में एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिलाओं से जन्मे सभी 26 बच्चे एचआईवी नेगेटिव आए हैं.
यह स्वास्थ्य विभाग कुरुक्षेत्र की बड़ी उपलब्धि है. जानकारी के अनुसार 2016 से मई 2021 तक कुरुक्षेत्र में गर्भवती महिलाओं के 47006 एएनसी टेस्ट किए गए हैं. जिनमें से 26 गर्भवती महिलाएं एचआईवी संक्रमित पाई गईं. संक्रमित पाए जाने के साथ ही गर्भवती महिलाओं का एचआईवी का इलाज शुरू कर दिया गया. स्वास्थ्य विभाग की नजर इन महिलाओं पर रहीं व समय-समय पर इनका चेकअप किया गया. इसके बाद बच्चे के जन्म पर उनका समय पर चेकअप और इलाज शुरू कर दिया गया.
जन्म के बाद बच्चों के चार टेस्ट
एलएनजेपी हॉस्पिटल के काउंसलर बलविंद्र चौधरी ने बताया कि एचआईवी संक्रमित माता से जन्मे बच्चे का 18 माह तक इलाज किया जाता है. जन्म से डेढ़ माह तक बच्चे को नेविरेपिन सस्शपेंशन दवा दी जाती है. इसके बाद 18 माह तक सीपीटी दवा दी जाती है. बच्चों का पहला टेस्ट डेढ़ माह में होता है और उसके बाद 6 माह, 12 माह व 18 के बाद टेस्ट किया जाता है. 18 माह के बाद हुआ टेस्ट अंतिम होता है और इसमें पता चल जाता है कि बच्चा एचआईवी पॉजिटिव है या नेगेटिव.
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लक्षण नजर आने पर तुरंत जाएं अस्पताल
बलविंद्र चौधरी ने बताया कि कुरुक्षेत्र जिले में 2016 के बाद एचआईवी के कुल 486 मामले हैं. सभी का इलाज चल रहा है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि यदि किसी को एचआईवी के लक्षण नजर आते हैं वे तुरंत अस्पताल में जाकर चेकअप करवाएं, ताकि समय पर इलाज शुरू किया जा सके. एचआईवी कोई छूत का रोग नही है। इससे बचाव के लिए सावधानियां बरतना आवश्यक है.
सरकार चला रही कल्याणकारी योजना
एचआईवी संक्रमितों के लिए हरियाणा सरकार ने एक योजना शुरू की है, जिसके तहत जो लोग एचआईवी संक्रमित हैं, उन्हें 2250 रुपये प्रति माह की राशि दी जाती है, जिससे वह अच्छा खाना ले सकें व अस्पताल जाने का किराया खर्च कर सकें. इसके लिए दो फोटो, बैंकखाते की डिटेल, आय प्रमाण पत्र, हरियाणा रिहायशी प्रमाण पत्र, आधार कार्ड के साथ एक अन्य कोई आईडी प्रूफ एलएनजेपी अस्पताल में जमा करवा सकते हैं. 3 से 18 वर्ष तक के बच्चे के लिए अभिभावकों का रिकॉर्ड जमा करवाना होगा.