मॉनसून की बारिश कई राज्यों में राहत बनकर बरसी है तो कई राज्यों में ये बारिश कहर बनकर बरस रही है. मैदानी इलाकों में उफनती नदियां डरा रही हैं, तो वहीं पहाड़ों पर बारिश के चलते लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ रही हैं.
Trending Photos
चंडीगढ़: कहते है कि बरसात को झेलने की शक्ति सिर्फ पहाड़ों में होती है, क्योंकि मैदानी इलाकों में तो भारी बारिश के बाद बाढ़ आ जाती है, लेकिन अब हालात कुछ और ही नजर आ रहे हैं.
मॉनसून की बारिश कई राज्यों में राहत बनकर बरसी है तो कई राज्यों में ये बारिश कहर बनकर बरस रही है. मैदानी इलाकों में उफनती नदियां डरा रही हैं, तो वहीं पहाड़ों पर बारिश के चलते लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ रही हैं.
बात अगर हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के तहत उपमंडल करसोग की करें तो यहां बारिश ने अब अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. खासकर इस बार बरसात के कारण सड़कों को काफी नुकसान हुआ. सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक 35 दिनों में लोक निर्माण विभाग को अब तक 11.05 करोड़ का नुकसान हुआ है.
लोक निर्माण विभाग के करसोग डिवीजन के तहत 3 सब डिवीजन है. अभी सब डिवीजन में जगह -जगह भूस्खलन होने, कई जगहों पर डंगे गिरने से नुकसान हुआ. इसके अतिरिक्त पहाड़ों से पत्थर गिरने की वजह से भी सड़कों की टारिंग को नुकसान हुआ है. इस कारण आम जनता की भी परेशानियां बढ़ गई हैं.
अभी मानसून विदा होने में करीब 2 महीने का समय शेष है. ऐसे में आने वाले समय में नुकसान का ये आंकड़ा और अधिक हो सकता है.
3 साल के आंकड़े
2021 में बरसात से सड़कों को 6.42 करोड़ का नुकसान पहुंचा.
2020 में बरसात से सड़कों को 4.87 करोड़ का नुकसान पहुंचा.
2019 में बरसात से सड़कों को 8.07 करोड़ का नुकसान पहुंचा.
मानसून सीजन में सड़कों को हुए 3 साल के आंकड़े को देखा जाए तो इस बार बरसात अधिक तांडव मचा रही है. लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अरविंद भारद्वाज ने बताया कि बारिश की वजह से अब तक 11.05 करोड़ का नुकसान हुआ है. जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है.