त्योहारी सीजन में मिठाइयों की जांच के लिए टीमें हुई गठित, पालमपुर,कांगड़ा और नूरपुर हैं स्वीट्स हब
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त्योहारी सीजन में मिठाइयों की जांच के लिए टीमें हुई गठित, पालमपुर,कांगड़ा और नूरपुर हैं स्वीट्स हब

Dharamshala News in Hindi: पालमपुर, कांगड़ा, ज्वालामुखी और नूरपुर स्वीटस हब है. ऐसे में त्योहारी सीजन को देखते हुए मिठाइयों की जांच के लिए टीमें गठित की गई हैं.  

त्योहारी सीजन में मिठाइयों की जांच के लिए टीमें हुई गठित, पालमपुर,कांगड़ा और नूरपुर हैं स्वीट्स हब

Dharamshala News: त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है. त्योहारी सीजन में मिठाइयों की ज्यादा डिमांड रहती है, लेकिन बाजार में बिकने वाली मिठाइयां कितनी खरी हैं, इसकी जांच को लेकर फूड एंड सेफ्टी विभाग ने कमर कस ली है. जिला कांगड़ा की बात करें तो यहां पालमपुर, कांगड़ा, ज्वालामुखी और नूरपुर स्वीट्स हब हैं. जहां से अधिकतर क्षेत्रों में मिठाइयों की सप्लाई की जाती है. ऐसे में इन क्षेत्रों में मिठाइयों की जांच के लिए फूड एंड सेफ्टी विभाग की ओर से दो फूड सेफ्टी ऑफिसर के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया है.

इस साल अक्टूबर माह तक विभाग 470 सैंपल मिठाइयों के ले चुका है, जिनमें स्टैंडर्ड सही न पाए जाने पर 5 लाख से अधिक का जुर्माना भी वसूल किया जा चुका है. मिठाइयों के सैंपल फेल होने पर फूड सेफ्टी एसिस्टेंट कमीशनर की ओर से 1 लाख 25 हजार, जबकि एडीएम जो कि एग्जीक्यूटिव ऑफिसर होते हैं, उनके द्वारा 4 लाख रुपये का जुर्माना किया गया है. 

डिपार्टमेंट आफ हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन की एसिस्टेंट कमीशनर (फूड सेफ्टी) जिला कांगड़ा सविता ठाकुर ने  कहा कि  त्योहारी सीजन में फूड एंड सेफ्टी विभाग का मिठाइयों पर फोकस रहता है. विभाग के जिला में दो फूड सेफ्टी ऑफिसर हैं, जिन्हें 35-35 सैंपल का टारगेट दिया जाता है. त्योहारी सीजन में सैंपलिंग का टारगेट डबल कर दिया जाता है. जनवरी से अक्टूबर तक इस वर्ष 470 के करीब सैंपल लिए जा चुके हैं. 

गौरतलब है कि छोटे कारोबारियों पर एसिस्टेंट कमीशनर फूड सेफ्टी के पास अधिकतम 1 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है. वहीं एग्जीक्यूटिव ऑफिसर  यानी एडीएम की ओर से अधिकतम 3 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. बड़े व्यापारी और होलसेलर, मेनुफेक्चरर संबंधी मामले एडीएम के पास जाते हैं. 

एसिस्टेंट कमीशनर ने बताया कि त्योहारी सीजन के दौरान तेल और घी की जांच के लिए मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन के माध्यम से सेंपल लेकर स्पॉट पर ही उसका एनालिसिस किया जाता है. कलरफुल मिठाइयों में कलर को लेकर एक मामला सामने आया था, जिसमें दुकानदार ने एफएसएसएआई से एपू्रव को कलर को मिठाई बनाने में प्रयोग न करके डाई में प्रयोग होने वाले कलर का इस्तेमाल किया था, ऐसा एक मामला कोर्ट में चल रहा है.

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