मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को सोलन जिला के कण्डाघाट में हिमाचल प्रदेश के अस्तित्व में आने के 75 वर्षों के उपलक्ष्य पर आयोजित प्रगतिशील हिमाचल स्थापना के 75 वर्ष समारोह को सम्बोधित किया.
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शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को सोलन जिला के कण्डाघाट में हिमाचल प्रदेश के अस्तित्व में आने के 75 वर्षों के उपलक्ष्य पर आयोजित प्रगतिशील हिमाचल स्थापना के 75 वर्ष समारोह को सम्बोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इन 75 वर्षों में राज्य में सभी क्षेत्रों में अद्वितीय विकास हुआ है.
गत 75 वर्षों में हमारे हिमाचल ने हर क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं।
उपलब्धि और सफलताओं का यह दौर निरंतर जारी रहेगा, यह हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है।
आज हिमाचल प्रदेश स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में कसौली के सुबाथू में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। pic.twitter.com/uy607zpEYe
— Jairam Thakur (jairamthakurbjp) August 8, 2022
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अप्रैल, 1948 को अस्तित्व में आने पर हिमाचल प्रदेश के केवल चार जिले थे और जनसंख्या लगभग 11 लाख थी जबकि आज प्रदेश की जनसंख्या 70 लाख से अधिक है. उस समय प्रदेश का क्षेत्रफल 25,839 वर्ग किलोमीटर था जबकि आज यह 55,673 वर्ग किलोमीटर है. वर्ष 1948 में राज्य की साक्षरता दर लगभग 4.8 प्रतिशत थी जबकि आज यह दर 83 प्रतिशत से अधिक है. राज्य ने स्वास्थ्य, शिक्षा, बागवानी, पर्यटन और सम्बद्ध क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है. उन्होंने कहा कि यह राज्य की 75 वर्षों की शानदार उपलब्धियों का उत्सव मनाने का अवसर है.
सीएम ने कहा कि राज्य ने कोरोना महामारी के दौर में कठिन परिस्थितियों का सामना किया, लेकिन यहां के लोगों के पूर्ण सहयोग से राज्य इस महामारी को नियन्त्रित करने में सफल रहा और साथ ही विकास की गति को भी बनाए रखा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हिमाचल के प्रति विशेष लगाव है ओर उनके नेतृत्व में राज्य को हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाएं प्राप्त हुई हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के उदारतापूर्ण सहयोग से केन्द्रीय परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण के 90:10 को पुनः बहाल किया गया. केन्द्र सरकार द्वारा राज्य में विकास की गति को बढ़ाने के लिए 800 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई गई है. केन्द्र सरकार ने प्रदेश के लिए एम्स, आईआईएम, आईआईटी, केन्द्रीय विश्वविद्यालय भी मंजूर किए.
सीएम ने ओपीएस के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं पर राज्य के लोगों को गुमराह करने के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ओपीएस को हटाकर एनपीएस को लागू करने से सम्बन्धित अनुबंध पर हस्ताक्षर करने वाले देश के पहले राज्यों में से एक था. उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस के नेता चुनावों के दृष्टिगत लोगों को गुमराह करने में लगे हैं. उन्हांने कहा कि लोगों को इन नेताओं से यह पूछना चाहिए कि कांग्रेस शासित राज्यों में वे ओपीएस क्यों लागू नहीं करवा पाए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर 1,300 करोड़ रुपये व्यय कर रही है जबकि पिछली सरकार के समय यह केवल 400 करोड़ रुपये था. उन्हांने कहा कि मुख्यमंत्री शगुन योजना, सहारा योजना, मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना, महिलाओं को बस किराये में 50 प्रतिशत छूट, 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली इत्यादि योजनाएं प्रदेश के लोगों को बड़े स्तर पर लाभान्वित कर रही हैं. अब कांग्रेस नेता राज्य में सत्ता में आने पर इन योजनाओं को बन्द करने के दावे करने लगे हैं.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने आवश्यक मापदण्डों को पूरा करने पर राजकीय स्नातक महाविद्यालय खोलने की भी घोषणा की. इसके अलावा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा हिमाचल के अस्तित्व में आने के 75 वर्ष पर आधारित थीम सॉन्ग और प्रदेश के शानदार इतिहास को दर्शाते वृत्तचित्र का भी प्रदर्शन किया गया.
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