Bilaspur News in Hindi: बिलासपुर में शुरू हुआ सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम. वहीं, कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने घुमारवीं में जनता को प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी.
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Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा जनता की समस्याओं को घर द्वार सुलझाने व सरकार की विकासात्मक योजनाओं की जन-जन तक पहुंचाने के मकसद से 'सरकार गांव के द्वार' कार्यक्रम की शुरुआत 17 जनवरी से करने जा रही है, लेकिन कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने अपने विधानसभा क्षेत्र में इस कार्यक्रम की शुरुआत 08 जनवरी से ही कर दी है.
वहीं सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मंत्री राजेश धर्माणी ने घुमारवीं उपमंडल के हमबोट व पंतेडा गांव की जनता की समस्याएं सुनी और सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी है. हमबोट व पंतेडा गांव में पहुंचने पर स्थानीय ग्रामीणों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंत्री राजेश धर्माणी का स्वागत किया, जिसके बाद मंच के जरिये से एसडीएम घुमारवीं, बीडीओ घुमारवीं सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों व पंचायत प्रतिनिधियों ने स्थानीय ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं के संबंध में जानकारी देते हुए पात्र लोगों द्वारा इन योजनाओं का लाभ लेने की अपील की है.
स्थानीय लोगों द्वारा अपने गांव से सम्बंधित समस्याओं जिनमें सड़क सुविधा, बिजली व पानी की समस्या, रिटेनिंग वाल की समस्या सहित अन्य समस्याओं के समाधान की अपील की है. राजेश धर्माणी ने कहा कि जनता व सरकार के बीच की दूरी को कम करने के मकसद से सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की गई है ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ जनता को मिले और उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान हो सके.
साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 17 जनवरी से इस कार्यक्रम को विधिवत रूप से शुरू किया जाएगा, से लेकिन उनके द्वारा 8 जनवरी से ही इस कार्यक्रम की शुरूआत कर दी गई है और आने वाले समय में सभी पंचायतों में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
वहीं पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान चलाये गए जनमंच कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि जनमंच कार्यक्रम के दौरान कईं तरह की शिकायतें सामने आई थी, एक ओर जहां जनमंच कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों को प्रताड़ित करने का काम किया गया था तो साथ ही विपक्षी दल से सम्बंधित लोगों की समस्याओं की सुनवाई नहीं होती थी जिसके चलते जनमंच कार्यक्रम समस्याओं के समाधान के बजाए धामों के आयोजन तक ही सीमित रह गया है, जिसमें करोड़ों रुपये फिजूल खर्च कर दिए गए थे, जिसे देखते हुए सरकार गांव के द्वार एक अलग तरह के कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिसे सही तरीके से लागू कर सरकार, अधिकारी व जनता के बीच आपसी सामंजस्य स्थापित कर इस कार्यक्रम का लाभ जन-जन तक पहुंचाने का काम किया जाएगा.
रिपोर्ट- विजय भारद्वाज