शिलाई अस्पताल में बनाया गया बर्थ वेटिंग रूम, डिलीवरी को लेकर एक माह तक अस्पताल में किया जा सकता है दाखिल
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शिलाई अस्पताल में बनाया गया बर्थ वेटिंग रूम, डिलीवरी को लेकर एक माह तक अस्पताल में किया जा सकता है दाखिल

Himachal Pradesh News: नाहन में आज स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में आने वाले मानसून सीजन के दौरान होने वाली जल जनित बीमारियों को लेकर चर्चा की गई.

 

शिलाई अस्पताल में बनाया गया बर्थ वेटिंग रूम, डिलीवरी को लेकर एक माह तक अस्पताल में किया जा सकता है दाखिल

देवेंद्र वर्मा/नाहन: जिला मुख्यालय नाहन में आज स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक हुई, जिसमें बीते माह में हुए कार्यों को लेकर चर्चा की गई और आगामी माह में किए जाने वाले कार्यों को लेकर रूपरेखा तैयार की गई. इस बैठक की अध्यक्षता सीएमओ सिरमौर डॉ. अजय पाठक ने की. 

बैठक में 100 प्रतिशत इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी करवाने को लेकर की गई चर्चा 
मीडिया से बातचीत करते हुए सीएमओ सिरमौर डॉ. अजय पाठक ने बताया कि बैठक के दौरान खास कर 100 प्रतिशत इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी करवाने को लेकर चर्चा की गई ताकि जच्चा-बच्चा दोनों की सुरक्षा हो सके. उन्होंने बताया कि जिला सिरमौर में अभी तक 90 प्रतिशत तक इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी करवाई जा रही है.

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हाई रिस्क प्रेगनेंसी को अधिक से अधिक रिपोर्ट करने को लेकर भी की गई चर्चा
सीएमओ सिरमौर डॉ. अजय पाठक ने कहा कि शिलाई अस्पताल में बर्थ वेटिंग रूम भी बनाया गया है, जहां डिलीवरी को लेकर एक माह पहले दाखिल किया जा सकता है. इसके अलावा बैठक में हाई रिस्क प्रेगनेंसी को अधिक से अधिक रिपोर्ट करने को लेकर भी चर्चा की गई ताकि सुरक्षित इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी करवाई जा सके.

स्कूली बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दी जाएंगी ये गोलियां 
उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान एनीमिया मुक्त भारत को लेकर भी चर्चा की गई, जिसके तहत स्कूलों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां दी जाती हैं. इसके अलावा आने वाले बरसात के मौसम को लेकर भी रूपरेखा तैयार की गई ताकि जल जनित रोगों से बचाव किया जा सके.

जल जनित रोगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं को दी गईं ये गोलियां
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जल जनित रोगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं को ओआरएस और जिंक की टैबलेट आदि दी गई हैं. इसके साथ-साथ PHC,CHC और अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध हैं और क्विक रिस्पांस टीम्स भी बनाई गई हैं जो डारिया आदि की स्थिति में कार्य करेंगी.

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