Himachal Pradesh में स्टोन क्रशर बंद करने के बाद 70,000 लोग हो सकते हैं बेरोजगार
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh1892979

Himachal Pradesh में स्टोन क्रशर बंद करने के बाद 70,000 लोग हो सकते हैं बेरोजगार

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा 128 स्टोन क्रशर बंद किए जाने को लेकर प्रदेश स्टोन क्रशर यूनियन ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने सरकार के इस फैसले को रिव्यू करने की गुहार लगाई है. 

Himachal Pradesh में स्टोन क्रशर बंद करने के बाद 70,000 लोग हो सकते हैं बेरोजगार

राकेश मल्ही/ऊना: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार द्वारा राज्य में कुछ जिलों के स्टोन क्रशर पूरी तरह बंद करने के आदेश के करीब डेढ़ महीने बाद क्रशर उद्योग संघ सामने आया है. सरकार से इस मामले का रिव्यू करने की मांग उठाई गई है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह डिंपल ने ऊना में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले के काफी प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल रहे हैं. एक ओर जहां सभी क्रशर बंद होने के चलते तमाम विकास और निर्माण कार्य ठप्प होकर रह गए हैं, वहीं दूसरी ओर इन उद्योगों से जुडकर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले करीब 70,000 लोग बेरोजगारी के मुहाने पर आ गए हैं.

संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह डिंपल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां खनन का काम नियमों के मुताबिक किया जाता है, इसके बावजूद प्रदेश के कुछ जिलों में क्रशर उद्योग को पूरी तरह बंद कर देने के आदेश समझ से परे हैं. उन्होंने बंद किए गए स्टोन क्रशर की जांच के लिए बनाई गई कमेटी में सीनियर आईएएस अधिकारियों को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. 

ये भी पढ़ें- Himachal Police News: राज्य के हर कोने और आसमान से जमीन तक नजर रखेगी हिमाचल पुलिस

राजेंद्र सिंह डिंपल ने सवाल करते हुए कहा है कि ऐसे कौन से नियम की अनदेखी पाई है, जिसके कारण प्रदेश के 128 स्टोन क्रशर उद्योगों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले के चलते जहां एक ओर प्रदेशभर में निजी और सरकारी निर्माण कार्य बंद होकर रह गए हैं, वहीं इसका असर हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई आपदा के बाद पुनर्वास कार्यों पर भी पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें-  Himachal Pradesh के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उठाई शानन प्रोजेक्ट वापस करने की मांग

राजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार को सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए स्टोन क्रशर उद्योगों को बंद करने के फैसले को रिव्यू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले करीब डेढ़ महीने से हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में सरकार के आदेशों के बाद यह क्रशर पूरी तरह बंद हो चुके हैं, जिसका सीधा असर प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से इस उद्योग से रोजी-रोटी कमाने वाले लोगों पर पड़ा है. उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से गुहार लगाई है कि वह इस फैसले का रिव्यू करें और बंद किए गए क्रशरों को फिर से चलाए जाने के आदेश जारी करें. 

WATCH LIVE TV

Trending news