Teej Vrat: गर्भवती महिलाएं हरतालिका तीज पर कैसे रखें व्रत, प्रेग्नेंसी में नहीं आएगी दिक्कत!
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Teej Vrat: गर्भवती महिलाएं हरतालिका तीज पर कैसे रखें व्रत, प्रेग्नेंसी में नहीं आएगी दिक्कत!

हरतालिका तीज 6 सितंबर को है. इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं.

Teej Vrat: गर्भवती महिलाएं हरतालिका तीज पर कैसे रखें व्रत, प्रेग्नेंसी में नहीं आएगी दिक्कत!

Hartalika Teej: हरतालिका तीज 6 सितंबर को है. इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं. साथ ही पूरे दिन व्रत भी रखती है.  वैसे तो सुहागन महिलाएं कई तरह के उपवास रखती हैं, लेकिन भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को होने वाली हरतालिका तीज का उपवास अपने आप में खास मायने रखता है. 

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इसमें सुहागन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन कर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. साथ ही पूरे दिन उपवास रखती हैं. इस दिन पूजा में माता पार्वती 16 श्रृंगार अर्पित किया जाता है. महिलाएं इस दिन सिंदूर, मंगलसूत्र, बिछिया, पांव में महावर, नेल पेंट, काजल, लिपिस्टिक, वस्त्र, चूड़ी, मेहंदी, बिंदी, गजरा, पायल, अंगूठी, बाजूबंद, कमरबंद और हार पहनती हैं. जैसे कोई दुल्हन हो. 

हालांकि, अब ये सवाल भी आता है कि गर्भवती महिलाएं इस व्रत का पालन कैसे करें. ऐसे में गर्भवती के लिए इस व्रत को रखने के कुछ खास नियम हैं. वैसे तो यह व्रत निर्जला रखा जाता है, लेकिन अब क्‍या गर्भवती महिलाएं इसे रख सकती हैं?

आपके जानकारी के लिए बता दें, हर त्योहार और पर्व श्रद्धा पर निर्भर करता है. गर्भवती महिलाएं अगर ये व्रत रखना चाहती हैं, तो वो डॉक्टर से परामर्श लेकर इस उपवास को रख सकती हैं. अगर प्रेग्नेंसी में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है तो महिलांए इस उपवास को बड़े ही आराम से कर सकती हैं. 

वैसे तो हरतालिका तीज के उपवास में पूरे दिन ही अन्‍न और जल का त्‍याग किया जाता है, लेकिन  प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपना ध्यान रखते हुए कुछ कुछ फल खा लेना चाहिए. प्रेग्नेंसी के वक्त शरीर में इस उपवास को रखने की ताकत नहीं होती है, तो अगर आप इस व्रत को नहीं भी करती हैं, तो भी कोई बड़ी बात नहीं है. हालांकि, आप विधि-विधान के साथ पूजा कर सकती हैं. 

बता दें, गर्भवती महिलाएं कुछ फल, आलू से बनी कुछ चप और साबूदाना खा सकती हैं. इससे उनका व्रत भी पूरा हो सकता है. साथ ही इससे बच्चे को भी दिक्कत नहीं होगी. माना जाता है कि हर काम को मन से करना ही सबसे बड़ी बात है. ऐसे में अगर कोई महिला इस उपवास को नहीं कर पाए तो इसमें कोई परेशानी वाली बात नहीं है क्‍योंकि भगवान हमारे भोजन त्यागने से नहीं, वह तो सिर्फ हमारे भाव से ही प्रसन्‍न हो जाते हैं. 

Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. ज़ी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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