Shimla To Manali Bus: HRTC के बेड़े में 11 नई वोल्वो बसें शामिल हुई. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कैथलीघाट से हरी झंडी दिखाकर इन बसों को रवाना किया.
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संदीप सिंह/शिमला: हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) के बेड़े में 11 नई वोल्वो बसें शामिल हो गई है. शुक्रवार उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज कैथलीघाट से 11 नई वोल्वो बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. बता दें, एक बस की कीमत सवा करोड़ रुपए के लगभग की है. सरकार प्रदेश और प्रदेश के बाहर धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए लोगों को वोल्वो बस सेवा देने जा रही है. ऐसे में आज शिमला से मनाली के लिए दिन के समय वॉल्वो बस सेवा शुरू की गई है.
आज सोलन जिला के केथलीघाट में एचआरटीसी के बेड़े में शामिल की गई 11 बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर शिमला से मनाली चलने वाले नए रूट को भी शुरू किया गया। pic.twitter.com/Mlvje8nay3
— Mukesh Agnihotri (Agnihotriinc) April 14, 2023
इस दौरान डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी राजस्थान के जयपुर के लिए वोल्वो बस सेवा शुरू करना चाहते हैं और सिक्योरिटी क्लीयरेंस के बाद श्रीनगर के लिए भी वॉल्वो बस सेवा शुरू होगी. इसके अलावा टापरी से चंडीगढ़,चिंतपूर्णी से दिल्ली के लिए भी बस सेवा शुरू करने जा रहें हैं.
वहीं डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि धर्मशाला में 15 इलेक्ट्रिक बसें पहुंच गई है और जल्द ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हरी झंडी दिखाकर बसों को रवाना करेंगे और शिमला में 20 इलैक्ट्रिक बसें चलाई जाएगी. साथ ही 75 सिटी इलेक्ट्रिक बसे खरीदने को भी मंजूरी मिल गई है.
आज एचआरटीसी के बेड़े में शामिल की गई 11 वोल्वो बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रदेश में वोल्वो बसों के बढ़ने से यहां पर आने वाले यात्रियों, पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को सुगम यातायात सुविधा मुहैया होंगी। pic.twitter.com/tZsY8KWy9F
— Mukesh Agnihotri (Agnihotriinc) April 14, 2023
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वोल्वो बस के बेड़े को एचआरटीसी बढ़ा रहा है और अवैध रूप से चल रही वोल्वो बसों पर नकेल कसने के लिए सरकार तमिलनाडु हाई कोर्ट के कानून को हिमाचल में लागू कर रही है. जिससे अवैध वॉल्वो बस चलाने वालों पर शिकंजा कसा जायेगा.
उन्होंने आगे कहा कि कोविड काल में एचआरटीसी काफी घाटे में चल रहा था, लेकिन अब धीरे-धीरे निगम पटरी पर लौट रहा है निगम की मासिक आय 65 करोड़ है जबकि खर्चा 144 करोड़ के लगभग है. ऐसे में घाटे को पूरा करने के लिए सरकार से मदद मिल रही है. इस बार एचआरटीसी कर्मचारियों को तनख्वाह देने में भी काफी देरी हुई है जबकि पेंशनरों का मसला भी लंबित है. भविष्य में इस तरह ना हो इसके लिए एचआरटीसी मेकैनिज्म तैयार कर रहा है.
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