Mandi Bus Accident: हिमाचल प्रदेश के धर्मपुर में आज एचआरटीसी की एक बस स्किड होने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसे के दौरान बस में 30 से 40 लोग मौजूद थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन अब यह मामला बढ़ता दिखाई दे रहा है.
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कोमल लता/मंडी: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में धर्मपुर के मनुधार में एचआरटीसी की एक बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस दौरान यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई. हादसे के दौरान बस में करीब 30 से 40 यात्री सवार थे. हालांकि आनन-फानन में स्कूली बच्चों समेत अन्य सभी चालकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. सूचना मिलने पर मैकेनिकल स्टाफ व आरएम धर्मपुर मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की शुरू की. बताया जा रहा है कि बस स्किड होने के वजह से यह हादसा हुआ.
संदीप सिंह/शिमला: जोगिंदरनगर से अमृतसर जा रही परिवहन निगम की सेमी डीलक्स बस के नेरी कोटला में अचानक पिछले टायर खुलने के बाद जहां ड्राइवर को निलंबित कर दिया है, वहीं इस फैसले से मुखर हुए HRTC ड्राइवर यूनियन ने इस फैसले को लेकर प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ड्राइवर यूनियन ने प्रबंधन पर एक-तरफा कार्यवाही का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. साथ ही ड्राइवर के साथ भेदभावपूर्ण रवैये का आरोप लगाया है.
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आज ड्राइवर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष मान सिंह ने प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रबंधन ड्राइवर के साथ भेदभाव कर रहा है, जिसका परिणाम धर्मपुर घटना में ड्राइवर को बिना किसी कारण के निलंबित करना है. उन्होंने कहा कि धर्मपुर में जो घटना हुई उसका कारण लीलैंड की बस में टाटा के युबोल्ट लगाना है. इस घटना में ड्राइवर को निलंबित कर दिया गया, लेकिन मैकेनिक सहित संबंधित किसी भी अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. उन्होंने कहा कि इस मामले में मैकेनिक सहित आरएम और डीएम पर भी कार्यवाही होनी चाहिए.
मानसिंह ने कहा कि अगर बेकसूर ड्राइवर को बहाल नहीं किया जाता तो ड्राइवर यूनियन उग्र आंदोलन का रास्ता अपनाएगा. उन्होंने प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि ड्राइवर को प्रताड़ित किया जा रहा है. अगर बस के कलपुर्जे टूट जाएं तो ड्राइवर से बिना किसी वजह से प्रबंधन द्वारा रिकवरी की जा रही है.
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उन्होंने कहा कि ड्राइवर के अतिरिक्त अगर अन्य किसी भी स्थान पर भर्ती हो तो उसमें ड्राइवर को भी 50 प्रतिशत कोटा निर्धारित किया जाए. इस बारे में प्रबंधन को मांग पत्र भी सौंपा गया है. अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो मजबूर होकर उन्हें आंदोलन करना पड़ेगा.
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