Janmashtami 2023 Date: जन्माष्टमी कब है? जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh1853604

Janmashtami 2023 Date: जन्माष्टमी कब है? जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Janmashtami Kab Hai: जन्माष्टमी किस दिन है. इसे लेकर लोगों में काफी कंफ्जून है. ऐसे में आपको हम बताएंगे कि क्या है जन्माष्टमी की सही तारीख

Janmashtami 2023 Date: जन्माष्टमी कब है? जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Janmashtami 2023 Date and Time: भगवान श्री कृष्ण का पावन पर्व को अब कुछ ही दिन रहे गए हैं. हालांकि रक्षा बंधन की तरह ही जन्माष्टमी के डेट को लेकर भी लोगों में कंफ्यूजन है. आज कि इस खबर में हम आपको बताएंगे जन्माष्टमी का सही डेट और शुभ मुहूर्त. 

हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (janmashtami) का त्योहार पूरे धूमधाम से मनाया जाता है. जन्माष्टमी दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप की पूजा होती है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं. साथ ही जन्माष्टमी के दिन लोग कृष्ण के लिए प्रेम के भक्ति गीत गाते हैं, वहीं कुछ लोग रात में जागरण भी करते हैं. 

मान्यता है कि श्रीकृष्ण विष्णु का आठवें अवतार हैं. बता दें, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इस दिन लोग व्रत रखकर भगवान कृष्ण के जन्म के बाद रात 12 बजे पूजा करते हैं. 

जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त
इस साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की 6 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से शुरू हो रही है. जो अगले दिन 7 सितंबर की शाम 4 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी. मान्यता अनुसार, श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. ऐसे में गृहस्थ जीवन वाले 6 सितंबर को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे. मथुरा में भी जन्माष्टमी इसी दिन मनाई जाएगी.

पूजा विधि
जन्माष्टमी के दिन जो शख्स व्रत रखने का सोचता है. उसे सुबह नहाकर साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए. इसके बाद हाथ में जल, फल और पुष्प लेकर व्रत का संकल्प लें. वहीं, मध्यान्ह के समय काले तिलों का जल छिड़क कर देवकी जी के लिए प्रसूति गृह बनाएं. इसके बाद सूतिका गृह में सुन्दर कपड़ा बिछाकर उस पर शुभ कलश स्थापित करें.

इस दिन आपको भगवान श्रीकृष्ण के साथा माता देवकी जी की मूर्ति भी स्थापित करनी चाहिए. पूजा में आपको श्रीकृष्ण जी को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए. फिर विधिवत सजावट करके उन्हें प्रसाद, माखन, दही चढ़ाना चाहिए. इस व्रत को रात में बारह बजे के बाद ही खोला जाता है. वहीं, व्रत में आपको अनाज का उपयोग नहीं करना चाहिए.  फलहार के रूप में आप कुट्टू के आटे की पकौड़ी, मावे की बर्फी और सिंघाड़े के आटे का हलवे और फल आदि खा सकते हैं. 

Trending news