फिल्म शूटिंग के नाम पर की जा रही प्रकृति से छेड़छाड़, फिल्म निर्माताओं ने किया ये हाल
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फिल्म शूटिंग के नाम पर की जा रही प्रकृति से छेड़छाड़, फिल्म निर्माताओं ने किया ये हाल

पर्यटन नगरी मनाली में शूटिंग के नाम पर प्रकृति से खिलवाड़ का मामला सामने आया है. मनाली में शूटिंग के लिए पहुंची फिल्म यूनिट ने वन विहार जो की एक रिज़र्व फॉरेस्ट है. यहां नियमों को दर्रकिनार करते हुए चट्टानों को व्हाइट सीमेंट से रंग डाला. 

फिल्म शूटिंग के नाम पर की जा रही प्रकृति से छेड़छाड़, फिल्म निर्माताओं ने किया ये हाल

संदीप सिंह/मनाली: पर्यटन नगरी मनाली में शूटिंग के नाम प्रकृति से खिलवाड़ का मामला सामने आया है. मनाली में शूटिंग के लिए पहुंची फिल्म यूनिट ने वन विहार जो की एक रिज़र्व फ़ॉरेस्ट है यहां नियमों को दर्र किनार करते हुए चट्टानों को व्हाइट सीमेंट से रंग डाला. शूटिंग यूनिट अपना काम कर बिना चट्टानों को साफ किए और वापस लौट गई और कुछ स्थानीय लोगों ने इस मामले की जानकारी दी तब जाके वन्य प्राणी विभाग हरकत में आया.

वन विभाग और स्थानीय लोगों ने कई घंटे मेहनत कर इन चट्टानों से रंग हटाया. पर्यटन नगरी में शूटिंग और अन्य पर्यटन गतिविधियों से कारोबार तो चल रहा है, लेकिन प्रकृति के संरक्षण को लेकर कोई गंभीर नहीं दिख रहा. जीयोलॉजिकल जानकारों के मुताबिक  मनाली के इस फ़ॉरेस्ट में इन चट्टानों का इतिहास करोड़ों वर्ष पुराना है. ऐसे में जीयोलॉजिकल धरोहर का बचाव करना बेहद जरूरी है.

स्थानीय लोग और सैलानी कहते हैं कि इतनी पुरानी चट्टानों के साथ छेड़छाड़ करना सही नहीं है इसे रोकना चाहिए ताकि यह खूबसूरत और एतिहासिक प्राकृतिक धरोहर बची रहे. दो दशक पहले बड़ी कम्पनियों ने अपनी मार्किटिंग को लेकर प्रदेश के नदी नालों में पथरों व चट्टानों को रंग दिया था. 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने इन कम्पनियों पर कड़ा संज्ञान लिया था और जुर्माना भी किया था.

तब से इस तरह का कोई मामला सामने नही आया था, लेकिन इस बार फिर से शूटिंग के नाम पर प्रकृति से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. मनचाहे दृश्य फिल्माने के लिए यूनिट ने प्रकृति से छेड़छाड़ की है. वन विहार की विशाल चट्टानों को व्हाइट सीमेंट और अन्य रंग से पोता है.

रेंज ऑफिसर, मनाली वाइल्ड लाइफ विभाग ने बताया कि मामले की शिकायत मिलते ही लोकल फिल्म कॉर्डिनेटर को तलब किया गया और उचित कार्रवाई अमल में लाई गई है. चट्टानों से सफेद पुट्टी हटा दी गई है. कॉर्डिनेटर ने माना है कि गलती हुई है जिससे दोबारा कभी नहीं दोहराया जाएगा. रेंज अफसर ने कहा कि वह स्थानीय लोगों से अपील करते हैं कि अगर उन्हें ऐसी कोई भी गतिविधियों के बारे में पता चलता है तो तुरंत विभाग को जानकारी दें ताकि पर्यावरण के खिलाफ हो रही गतिविधियों को तुरंत रोका जा सके. 

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