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संजय शर्मा/चंडीगढ़: पंजाब में आतंकी बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की एक खबर सामने आ रही है. देश विरोधी ताकतें पंजाब में बड़ी आतंकी साजिश रच रही हैं. इसी के चलते केंद्रीय सुरक्षा एवं जांच एजेंसियों के सूत्रों द्वारा दिए गए इनपुट के अनुसार पंजाब के तमाम धार्मिक स्थलों, डेरों, मंदिरों, गुरुद्वारों और अन्य सभी धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक, पंजाब का माहौल बिगाड़ने के लिए धार्मिक स्थलों और सैन्य और पुलिस इंस्टालेशन और अन्य संवेदनशील इलाकों का इस्तेमाल करने की आशंका है. इसी के तहत पंजाब पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट हुआ है पंजाब पुलिस के आला अधिकारियों ने यह निर्देश दिए है कि पंजाब पुलिस की अलग-अलग टीमें धार्मिक स्थल, पुलिस विभाग के महत्वपूर्ण दफ्तर, समय ठिकाने और अन्य संवेदनशील जगहों के बाहर तलाशी अभियान चलाया जाए और संदिग्ध लोगों से पूछताछ भी की जाए.
जानकारी के अनुसार, पंजाब पुलिस ने आपराधिक तत्वों के खिलाफ अभियान और तेज कर दिया है. आला अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में भी थानों के बाहर भी काफी सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने के निर्देश दिए है. पंजाब पुलिस ने राज्य के सभी शहरों तथा कस्बों में, धार्मिक स्थलों और संवेदनशील जगहों के बाहर और सुरक्षा कर्मचारियों की तैनातियां की है.
निर्देश अनुसार तीनों कमिश्नरेट शहरों में विभिन्न टीमों ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेना शुरू कर दिया है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों को स्वयं मौके पर मौजूद रहने के लिए आला अधिकारियों ने निर्देश दिए है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आने वाले दिनों में सीनियर पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में आपराधिक तत्वों के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाए जा रहे है. पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह व उनके साथियों की गिरफ्तारी के बाद जिस तरह से अपना दबदबा बनाया है उसे राज्य पुलिस और उसके अधिकारी कायम रखना चाहते हैं.
दूसरी तरफ चूंकि जालंधर लोकसभा सीट का उपचुनाव भी चल रहा है इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियों के सीनियर नेता पंजाब में मौजूद हैं और जालंधर पहुंच रहे हैं. इसे देखते हुए भी सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया गया है और विशेष रूप से जालंधर एवं अन्तराष्ट्रीय सिमा से सटे इलाकों के शहरी व देहाती क्षेत्रों में सुरक्षा मजबूत की गई है.
आपको बता दें, कि सूत्रों से मिले एक महत्वपूर्ण इनपुट के आधार पर धार्मिक बातों को आधार बनाकर तीन पुलिस अधिकारियों को भी खालिस्तानी अपना निशाना बना सकते है जिसकी योजना खालिस्तानी आतंकियों के एक संगठन द्वारा कनाडा में बनाई गई है. सुत्रों के मुताबिक कोटकपूरा गोली कांड में कथित रूप से संलिप्त के चलते उस समय के तत्कालीन पुलिस प्रमुख सुमेध सिंह सैनी, तत्कालीन एसएसपी फरीदकोट चरणजीत शर्मा, तत्कालीन आई जी परमराज उमरानंगल पर भी कोर्ट की सुनवाई के दौरान अपना निशाना बनाने की भी योजना बनाई गई है. तांकि पंजाब प्रदेश हिंसक घटनाओं से दहशत फैलाई जा सके और उससे पूरे देश का माहौल ख़राब हो.
आपको बता दें, कि खालिस्तानी आतंकी इस समय अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की गिरफ्तारी और साथ ही साथ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ठुकराने से काफी ज़्यादा बौखलाहट में है. इसलिए पंजाब और देश को किसी भी तरह आतंक की आग में झोंकने की फिराक में है. इसलिए आर्मी द्वारा भी आज पंजाब के पठानकोठ में इंटर्नल आर्मी एक्सरसाइज की गई है. सूत्रों से मिले इनपुट से यह साफ जाहिर हो रहा है कि खालिस्तानी आतंकियों ने आईएसआई समेत अन्य देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर कोई बड़ी खौफनाक दहशतगर्दी की योजना बनाई है और इसको रोकने के लिए देश की सैन्य ताकतें भी तैयारी कर रही है.
आपको बता दें, कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया है. दोषी बलवंत सिंह राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदलने की मांग वाले मामले पर बुधवार को सुनवाई हुई. उसे सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका ठुकराते हुए केंद्र को राजोआना की सजा पर जल्द फैसला लेने के लिए कहा है.
जानाकरी के लिए बता दें, राजोआना ने 1995 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को अपने साथियों के साथ मिल कर मानव बम से उड़ा दिया था. जुलाई 2007 में निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट ने 2010 में उसकी सजा को बरकरार रखा था, वह 27 साल से जेल में है. अब राजोआना 56 साल का हो चुका है और चाहता है कि उसे रिहा किया जाए. इसलिए उसके व अन्य आतंकियों के समर्थक लगातार उन्हें छोड़ने के लिए पंजाब में अलग-अलग जगह रोष मुजाहिरा भी कर रहे है.
ऐसे में पंजाब पुलिस के साथ-साथ पैरा मिलिट्री फोर्सेज और सेना भी सरहदी इलाकों में हाई अलर्ट पर है क्योंकि आतंकी हिंसक घटनाओं को लेकर खुफियां जांच एजेंसियों ने काफी महत्वपूर्ण इनपुट दिए हैं.