Bilaspur News: शिक्षक दिवस के मौके पर बिलासपुर जिला के घुमारवीं में सेवानिवृत्त अध्यापकों द्वारा जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. एसडीएम घुमारवीं गौरव चौधरी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.
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Teachers Day: शिक्षक दिवस के खास मौके पर बिलासपुर के सेवानिवृत शिक्षकों द्वारा घुमारवीं में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिलाभर से सेवानिवृत शिक्षकों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया.
गौरतलब है कि इससे पूर्व बिलासपुर में प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा 5 सितंबर 1997 में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसके बाद अब 27 वर्ष के पश्चात सेवानिवृत प्राथमिक शिक्षक संघ एवं समाज सुधार समन्वय समिति के बैनर तले घुमारवीं में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें एसडीएम घुमारवीं गौरव चौधरी बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहे.
वहीं कार्यक्रम के दौरान 80 वर्ष से अधिक आयु के सेवानिवृत्त शिक्षकों को एसडीएम गौरव चौधरी द्वारा मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. जिसके पश्चात सेवानिवृत शिक्षकों द्वारा जागरूकता रैली भी निकाली गई, जिसमें युवाओं से नशे से दूर रहने व सामाजिक कुरूतियों के खिलाफ सभी को एकजुट होकर आगे आने की अपील की गई.
रैली के पश्चात सेवानिवृत शिक्षकों द्वारा एसडीएम घुमारवीं को अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा गया. शिक्षक दिवस के मौके पर एसडीएम गौरव चौधरी ने कहा कि एक इंसान को शिक्षित व जागरूक बनाने में शिक्षा का अहम रोल रहता है, जिसका मुख्य स्रोत अध्यापक होता है.
इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में अपना पूरा जीवन लगाकर शिक्षित समाज बनाने वाले इन अध्यापकों को आज नमन करने का दिन है और इसलिए घुमारवीं में शिक्षक सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें 80 वर्ष का पड़ाव पार कर चुके सेवानिवृत शिक्षकों को सम्मानित करने का काम किया गया है.
साथ ही उन्होंने कहा कि विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों को शिक्षा बांटने के बाद सेवानिवृत हुए यह शिक्षक आज भी शिक्षा सुधार व समाज सुधार में काम कर रहे हैं .इसलिए उन्होंने सभी सेवानिवृत शिक्षकों से सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन का पूर्ण सहयोग करने की अपील भी की है.
गौरतलब है कि 5 सितंबर 1888 को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था. वह एक महान शिक्षक और भारत के राष्ट्रपति थे. इसीलिए उनके जन्मदिन के अवसर पर पूरे देश में हर साल शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन को शिक्षकों के योगदान को सम्मानित करने के रूप में भी धूमधाम से मनाया जाता है.
रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर