अनिल विज की आपत्ति को दरकिनार कर CM खट्टर ने IPS अधिकारी को बनाया प्रधान सचिव
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अनिल विज की आपत्ति को दरकिनार कर CM खट्टर ने IPS अधिकारी को बनाया प्रधान सचिव

हरियाणा सरकार ने गृह मंत्री अनिल विज की आपत्ति को दरकिनार कर एक बार फिर परिवहन विभाग की कमान IPS अधिकारी को सौंप दी है.

अनिल विज की आपत्ति को दरकिनार कर CM खट्टर ने IPS अधिकारी को बनाया प्रधान सचिव

साक्षी शर्मा/चंडीगढ़हरियाणा सरकार ने गृह मंत्री अनिल विज की आपत्ति को दरकिनार कर एक बार फिर परिवहन विभाग की कमान IPS अधिकारी को सौंप दी है. इस बार महिला IPS कला रामचंद्रन को परिवहन विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है. इससे पहले विजिलेंस के DG शत्रुजीत कपूर के हाथ में परिवहन विभाग की कमान थी.

खबरों की मानें तो अनिल विज ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) काडर वाले एक पद पर भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के एक अधिकारी की नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से मिली मंजूरी का विरोध किया था. विज ने इसके लिए केंद्र से मंजूरी प्राप्त किये जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया था.

बताते चले कि पंचकूला कला रामचंद्रन को विभाग में प्रधान सचिव पद पर तैनात किया गया है. इससे पहले इस पद पर IPS अधिकारी शत्रुजीत कपूर तैनात थे. हाल ही में शत्रुजीत कपूर को राज्य सतर्कता ब्यूरो के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है. इससे पहले भी विज ने पुलिस अधिकारियों की कमी का हवाला देते हुए IPS अधिकारियों को गैर-पुलिसकर्मी पद पर तैनात किए जाने पर अप्रसन्नता जाहिर की थी.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा स्वीकृत नियुक्ति पर आपत्ति जताते हुए विज ने एक आधिकारिक पत्र में इस बात पर जोर देते हुए कहा था कि सरकार को IAS काडर के पद पर किसी IPS अधिकारी की नियुक्ति से पहले केंद्र के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की मंजूरी लेनी होगी.

सरकार की स्वीकृति से ही नियुक्ति की जायेगी

आपको बता दें कि अस्थायी नियुक्ति पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (काडर) नियमों के प्रावधान के मुताबिक एक राज्य में काडर पद को उस व्यक्ति की नियुक्ति से नहीं भरा जा सकता है जो कि एक काडर अधिकारी नहीं है. खासकर जब उस पद के लिए कोई उपयुक्त अधिकारी तैनात हो.

नियम के अनुसार काडर पद सिर्फ सिद्धांतों के अनुसार ही भरा जाएगा. इसमें कोई चयन सूची लागू है. सूची में अधिकारियों के नाम के क्रम में नियुक्ति की जाएगी. इतना ही नहीं नियम के अनुसार चयन सूची में आने वाले नामों के क्रम से हटने का प्रस्ताव है, तो पहले राज्य सरकार कारणों के साथ केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी. इसके बाद केंद्र सरकार की स्वीकृति से ही नियुक्ति की जायेगी.

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