Panchang: आज का पंचाग का है बेहद खास, जानें पूर्णिमा तिथि पर क्या है शुभ योग और नक्षत्र
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh1558655

Panchang: आज का पंचाग का है बेहद खास, जानें पूर्णिमा तिथि पर क्या है शुभ योग और नक्षत्र

Aaj ka panchang: हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग भी कहा जाता है. पंचांग के माध्यम से ही काल व समय की गणना की जाती है. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से एक माह में तीस तिथियां होती हैं, जो दो पक्षों में विभाजित होती हैं. ऐसे में जानें 5 फरवरी रविवार का पंचांग.

Panchang: आज का पंचाग का है बेहद खास, जानें पूर्णिमा तिथि पर क्या है शुभ योग और नक्षत्र

Aaj ka Panchang 5 February 2023: आज 5 फरवरी को दिन रविवार और माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है. ऐसे में अगर आप कोई मांगलिक कार्य करने को सोच रहे हैं तो आज का दिन इसके लिए बेहद खास है. आज आप कोई नया कारोबार शुरू कर सकते हैं, मांगलिक कार्य करा सकते हैं. इसके लिए अगर आप कोई नया वाहन या प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो भी आज का दिन शुभ है. 

आज की तिथि: पूर्णिमा
आज का वार: रविवार
आज का पक्ष: शुक्ल
आज का करण: विष्टि
आज का नक्षत्र: पुष्य
आज का योग: आयुष्मान

ये भी पढ़ें- Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर जरूर चढ़ाए ये चीज, दूर होंगे हर कष्ट

दुष्ट मुहूर्त- 4:56 से 12:43 तक  रहेगा. 
कुलिक- 4:20 से 5:09 तक रहेगा. 
कंटक- 10:26 से 11:15 तक रहेगा. 
यमघण्ट- 1:20 से 2:17 तक रहेगा. 
राहुकाल- 4:23 से 5:58 तक रहेगा. 
यमगंड- 12:25 से 1:45 तक रहेगा.
गुलिक काल- 3:17 से 4:28 तक रहेगा. 

ये भी पढ़ें- हाथ और पैर में काला धागा बांधना पड़ सकता है भारी, जीवन में बढ़ सकती है परेशानी

क्या होता है पंचांग? 
सरल भाषा में कहा जाए तो पंचांग महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों से मिलकर बनता है, लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण होते हैं पांच अंग वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण वैसे तो कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 दिन होते हैं तो किसी महीने में 30, लेकिन अगर हम हिंदी कैलेंडर की बात करें तो इसके हिसाब हर माह में 30 दिन ही होते हैं, जिन्हें हम तिथि बोलते हैं. 

ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं. जो कि 15-15 दिन के होते हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. पंचांग इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.)

WATCH LIVE TV

Trending news