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नई दिल्लीः हिंदू धर्म के अनुसार हर देवी-देवताओं की पूजा की एक खास विधि तय है. उसी तरह हफ्ते के सात दिन किसी न किसी देवी-देवताओं को समर्पित किए गए हैं. इन्हीं में से एक है बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है और इसी वजह से इस दिन को गुरुवार के नाम से जाना जाता है. इस विधि से देवताओं की पूजा करने से विशेष लाप प्राप्त होते हैं. गुरुवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा विधिपूर्वक करने से भक्तों की किस्मत खुल जाती है.
जानें, बृहस्पति देव की पूजा विधि
गुरुवार के दिन सुबह सबसे पहले उठकर ब्रह्म मुहूर्त में नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर उस पानी से स्नान करें. इसके बाद माथे पर केसर या हल्दी का तिलक लगाना चाहिए. इसके बाद बृहस्पति देव की मूर्ति को पीले रंग के कपड़े पर विराजित करें. लेकिन, यह जरूर ध्यान रखें कि मूर्ति जिस जगह स्थापित की गई वो जगह साफ सुथरी हो.
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इस सबके बाद पूरे विधि-विधान के साथ बृहस्पति देव पूजा करें और सबसे आखिर में आरती करें. इसके बाद विधि-विधान से उनकी पूजा-आरती करना चाहिए. पूजा में पीले फूल, केसरिया चंदन, प्रसाद के तौर पर गुड़ और चने की दाल का भोग लगाना चाहिए. अगर ऐसा न कर पाए तो एक पीले रंग का कपड़ा बृहस्पति देव को अर्पित करें. इसी के साथ केले के वृक्ष में जल अर्पित करने के साथ ही उसकी धूप-दीप से पूजा करना चाहिए.
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